क्या नोएडा में बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है? फसलें और झुग्गियां डूब रही हैं, सिंचाई विभाग की तीन टीमें कर रही हैं निगरानी

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क्या नोएडा में बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है? फसलें और झुग्गियां डूब रही हैं, सिंचाई विभाग की तीन टीमें कर रही हैं निगरानी

सारांश

नोएडा में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। यमुना के जलस्तर में वृद्धि के कारण असगरपुर और आसपास के क्षेत्रों में स्थिति चिंताजनक है। स्थानीय लोग सुरक्षित स्थानों की खोज में हैं। प्रशासन ने सक्रिय कदम उठाते हुए अलर्ट जारी किया है। जानें क्या उपाय किए जा रहे हैं और ग्रामीणों की स्थिति क्या है।

Key Takeaways

  • यमुना नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है।
  • स्थानीय लोग सुरक्षित स्थान की तलाश में हैं।
  • प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है।
  • बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में फार्म हाउस पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं।
  • सिंचाई विभाग ने तीन टीमें बनाई हैं।

नोएडा, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। यमुना नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण नोएडा के कई क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। असगरपुर गांव के समीप बने पुस्ता में पानी भरने लगा है, जिससे स्थानीय निवासियों में चिंता का माहौल उत्पन्न हो गया है। यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और नदी के किनारे बसे लोगों ने सुरक्षित स्थान की खोज में पुस्ता रोड की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है।

गुलाब की खेती करने वाले कई किसान अब पानी में डूबती झुग्गियों से परेशान हैं, और उन्होंने अपना सामान सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना प्रारंभ कर दिया है। कई स्थानों पर जल स्तर 8 से 10 फीट तक पहुँच गया है। शाम तक जलस्तर और बढ़ने की आशंका जताई गई है।

जिला प्रशासन ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए अलर्ट जारी कर दिया है और आपदा प्रबंधन विभाग ने भी एक एडवाइजरी जारी की है। नोएडा अथॉरिटी ने सोमवार रात तक गौशाला से करीब 800 गौवंश और अन्य मवेशियों को सुरक्षित स्थलों पर स्थानांतरित कर दिया है। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में स्थित फार्म हाउस पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं, जिनमें 8 से 10 फीट तक पानी भर गया है। इन फार्म हाउस में रह रहे श्रमिक भी अब सुरक्षित स्थानों की ओर बढ़ चुके हैं।

नोएडा के मंगरौली, याकूतपुर और झट्टा गांव सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। ग्रामीण अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और धीरे-धीरे सुरक्षित स्थलों की ओर पलायन कर रहे हैं। स्थिति की गंभीरता को देखकर सिंचाई विभाग ने याकूतपुर में बाढ़ कक्ष स्थापित किया है और अधिकारी मौके पर उपस्थित हैं। सिंचाई विभाग और नोएडा अथॉरिटी के अधिकारी मिलकर स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे हैं।

इन हालातों के लिए सिंचाई विभाग ने तीन टीमें गठित की हैं। जेसीबी मशीनों की मदद से बाढ़ के पानी को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार, फिलहाल 86 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसे धीरे-धीरे निकाला जा रहा है ताकि निचले क्षेत्रों पर दबाव कम किया जा सके।

सिंचाई विभाग के एसडीओ पवन कुमार सारस्वत ने बताया कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। विभाग की टीमें चौकसी बरत रही हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी की गई है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थलों की ओर चले जाएं।

Point of View

बाढ़ एक गंभीर समस्या है जो न केवल फसलों को प्रभावित करती है, बल्कि स्थानीय लोगों के जीवन को भी खतरे में डाल देती है। प्रशासन का निरंतर प्रयास और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाना अत्यंत आवश्यक है। इस संकट से निपटने के लिए सभी को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है।
NationPress
02/09/2025

Frequently Asked Questions

नोएडा में बाढ़ का कारण क्या है?
नोएडा में बाढ़ का मुख्य कारण यमुना नदी का बढ़ता जलस्तर है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन ने क्या कदम उठाए हैं?
प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है और सुरक्षित स्थानों पर लोगों को स्थानांतरित करने के लिए उपाय किए हैं।
क्या किसानों की फसलें भी प्रभावित हुई हैं?
हाँ, बाढ़ के कारण किसानों की फसलें और झुग्गियां डूब गई हैं।
सिंचाई विभाग की टीमें क्या कर रही हैं?
सिंचाई विभाग की टीमें बाढ़ के पानी को रोकने के लिए उपाय कर रही हैं और स्थिति की निगरानी कर रही हैं।
सुरक्षित स्थानों की पहचान कैसे की जा रही है?
प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों की पहचान कर लोगों को वहां स्थानांतरित करने के लिए निर्देश दिए हैं।