क्या नोएडा में अवैध भ्रूण लिंग जांच का भंडाफोड़ हुआ है?

सारांश
Key Takeaways
- हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने अवैध भ्रूण लिंग जांच का भंडाफोड़ किया।
- पांच लोग हिरासत में लिए गए, जिसमें एक महिला डॉक्टर भी शामिल है।
- भ्रूण लिंग जांच कानूनन प्रतिबंधित है।
- सख्त दंड और सजा का प्रावधान है उल्लंघन करने पर।
- इस गिरोह के खिलाफ अभियान जारी रहेगा।
नोएडा, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के पानीपत स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नोएडा में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए सेक्टर-37 की लाल मार्केट स्थित एक क्लिनिक पर छापा मारा। यह कार्रवाई शुक्रवार को हरियाणा पुलिस और नोएडा पुलिस की उपस्थिति में की गई। टीम ने मौके पर अवैध भ्रूण लिंग जांच के धंधे को उजागर करते हुए कई लोगों को हिरासत में लिया।
जानकारी के अनुसार, पानीपत से आई चार डॉक्टरों की विशेष टीम ने एक दलाल के माध्यम से इस रैकेट तक पहुंच बनाई। टीम को सूचना मिली थी कि "भारत स्कैनिंग सेंटर" के नाम से चल रहा यह क्लिनिक अवैध रूप से भ्रूण लिंग की जांच कर रहा है।
जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि भ्रूण लिंग की पहचान के लिए मरीजों से भारी रकम वसूली जा रही थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बताया कि भ्रूण लिंग की जांच कराने के नाम पर 25 हजार रुपये की रकम ली जाती थी। मौके पर दलाल के माध्यम से फर्जी मरीज को भेजा गया, जिसके बाद पूरी टीम ने जाल बिछाकर डॉक्टर और वहां उपस्थित स्टाफ को रंगे हाथ पकड़ लिया। इस छापेमारी में एक महिला डॉक्टर समेत कुल पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है।
टीम के साथ मौजूद डॉ. ललित कुंडू, पीएनडीटी नोडल अधिकारी, पानीपत, ने बताया कि भ्रूण लिंग जांच कानूनन प्रतिबंधित है और इस अवैध धंधे के खिलाफ निरंतर अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और आसपास के राज्यों से मरीजों को यहां लाकर जांच की जाती थी।
गौरतलब है कि प्री-कंसेप्शन और प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्नीक्स एक्ट के तहत भ्रूण लिंग की जांच पूरी तरह से गैरकानूनी है। इस कानून के उल्लंघन पर कठोर दंड और सजा का प्रावधान है। फिलहाल हिरासत में लिए गए सभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और स्वास्थ्य विभाग की टीम आगे इस पूरे नेटवर्क की गहन जांच करेगी। पुलिस का कहना है कि जल्द ही इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं।