क्या ओडिशा में सीएम मोहन चरण माझी ने भारी बारिश और तेज हवाओं के लिए तैयारियों की समीक्षा की?

सारांश
Key Takeaways
- 17 जिलों में बाढ़ और चक्रवात आश्रय स्थल तैयार किए गए हैं।
- मुख्यमंत्री ने सभी जिलों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है।
- ओडीआरएएफ और एनडीआरएफ की टीमों को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है।
भुवनेश्वर, २६ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शुक्रवार को भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के बंगाल की खाड़ी में गहरे दबाव के पूर्वानुमान के मद्देनजर राज्य की तैयारियों की समीक्षा की, जिससे कई जिलों में भारी बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है।
बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने बताया कि मलकानगिरी, नबरंगपुर और कालाहांडी जिलों को 'रेड जोन' की चेतावनी के तहत रखा गया है, जबकि 14 अन्य जिले 'ऑरेंज जोन' में आते हैं। आपदा प्रबंधन विभाग, ऊर्जा, पंचायती राज, ग्रामीण विकास और अन्य प्रमुख विभागों के अधिकारियों के साथ 17 जिलों के कलेक्टर समीक्षा बैठक में शामिल हुए। मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने भी बैठक में भाग लिया।
पुजारी ने कहा, "मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सभी जिलों को पूरी तरह अलर्ट रहने का निर्देश दिया है।"
मंत्री सुरेश पुजारी के अनुसार, सूखा राशन, तिरपाल और सर्पदंश की दवाओं का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है। 17 जिलों में बाढ़ और चक्रवात आश्रय स्थल तैयार कर लिए गए हैं। अगले सात दिनों में प्रसव कराने वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर ली गई है और जरूरत पड़ने पर उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में पहले ही स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और अग्निशामक सेवाओं की टीमों को पहले ही संवेदनशील इलाकों में तैनात कर दिया गया है। कलिंग घाट जैसे पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन के खतरे पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
दो राज्य मंत्रियों, गोकुलानंद मल्लिक और बिभूति जेना को गंजम और अन्य दक्षिणी जिलों में जमीनी स्तर की तैयारियों की देखरेख का काम सौंपा गया है।
मंत्री ने आगे कहा, "हम किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। मानव जीवन की रक्षा के साथ-साथ पशुधन की सुरक्षा के लिए भी कदम उठाए गए हैं।"