क्या ऑपरेशन कालनेमि के तहत देवभूमि की अस्मिता की रक्षा की जा रही है?
सारांश
Key Takeaways
- देवभूमि की पहचान की रक्षा के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
- कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए ऑपरेशन कालनेमि आवश्यक है।
- धर्म और आस्था की आड़ में धोखाधड़ी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
- मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कार्रवाई के लिए सख्त निर्देश दिए हैं।
- उत्तराखंड सरकार संस्कृति और धर्म की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
देहरादून, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड सरकार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में, देवभूमि की संस्कृति, धर्म और सामाजिक अस्मिता की सुरक्षा के प्रति संजीदा है। मुख्यमंत्री का मानना है कि उत्तराखंड केवल एक भौगोलिक क्षेत्र नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की आस्था, परंपरा और विश्वास का प्रतीक है, और इसकी गरिमा से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।
इसी दृष्टिकोण के तहत, राज्य सरकार ने धर्म और आस्था के नाम पर होने वाले पाखंड, धोखाधड़ी, अवैध गतिविधियों और संदिग्ध तत्वों के खिलाफ 'ऑपरेशन कालनेमि' को 10 जुलाई से पूरे प्रदेश में प्रभावी रूप से लागू किया। इस अभियान का लक्ष्य देवभूमि की पवित्रता को बनाए रखते हुए कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करना और जनता के विश्वास की रक्षा करना है।
ऑपरेशन कालनेमि के अंतर्गत हरिद्वार, देहरादून और ऊधमसिंहनगर जैसे संवेदनशील जनपदों में व्यापक स्तर पर सत्यापन और प्रवर्तन कार्रवाई की गई।
हरिद्वार में 3,091 व्यक्तियों का सत्यापन किया गया, जिनमें से 715 मामलों में अभियोग पंजीकृत किए गए और 305 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया।
देहरादून में 1,711 व्यक्तियों का सत्यापन करते हुए 206 गिरफ्तारियां की गईं, 09 अभियोग पंजीकृत हुए और 380 व्यक्तियों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की गई। इसके अलावा, अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की गई।
ऊधमसिंहनगर में 220 संदिग्ध व्यक्तियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की गई और गंभीर मामलों में अभियोग दर्ज किए गए।
प्रदेश स्तर पर अब तक कुल 4,802 से अधिक व्यक्तियों का सत्यापन, 724 अभियोग पंजीकरण और 511 गिरफ्तारियां की गई हैं। इसके अतिरिक्त, 19 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से 10 को डिपोर्ट किया गया है जबकि शेष मामलों में विधिक प्रक्रिया जारी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान किसी एक वर्ग या समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि कानून, व्यवस्था और देवभूमि की गरिमा की रक्षा के लिए है। आस्था का सम्मान किया जाएगा, लेकिन आस्था की आड़ में अपराध, पाखंड और धोखाधड़ी को किसी भी स्थिति में संरक्षण नहीं मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि इस प्रकार की गतिविधियों पर निरंतर निगरानी रखी जाए और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त न की जाए। देवभूमि की अस्मिता से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
उत्तराखंड सरकार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में, विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, और ऑपरेशन कालनेमि इसी प्रतिबद्धता का मजबूत उदाहरण है।