क्या पश्चिम बंगाल भाजपा ने चुनाव आयोग को बीएलओ नियुक्ति पर पत्र लिखा है?

Click to start listening
क्या पश्चिम बंगाल भाजपा ने चुनाव आयोग को बीएलओ नियुक्ति पर पत्र लिखा है?

सारांश

पश्चिम बंगाल भाजपा ने चुनाव आयोग को पत्र भेजा, जिसमें बीएलओ की नियुक्तियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं। भाजपा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को बीएलओ लिस्ट में शामिल किया गया है और स्थायी कर्मचारियों को नियुक्त करने में दबाव डाला जा रहा है। क्या चुनाव आयोग इस मामले में हस्तक्षेप करेगा?

Key Takeaways

  • भाजपा ने चुनाव आयोग को पत्र भेजकर बीएलओ की नियुक्तियों पर सवाल उठाए।
  • तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के नाम बीएलओ लिस्ट में शामिल होने का आरोप।
  • स्थायी कर्मचारियों पर बीडीओ द्वारा दबाव डालने की जानकारी।
  • चुनाव आयोग से हस्तक्षेप की मांग की गई।
  • मतदाता सूची की पवित्रता की रक्षा की आवश्यकता।

कोलकाता, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी, पश्चिम बंगाल ने चुनाव आयोग को एक पत्र प्रेषित किया है जिसमें कहा गया है कि बीएलओ की नियुक्ति चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुरूप नहीं है।

भाजपा ने पश्चिम बंगाल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भेजे गए पत्र में उल्लेख किया है कि भाजपा ने कई बार चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले बीएलओ की नियुक्ति का मुद्दा उठाया है। भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने 18 सितंबर को आपकी मुलाकात की थी, जिसमें उन्होंने सरकार के 2,919 स्थायी कर्मचारियों की प्रस्तावित बीएलओ लिस्ट पेश की, जिसमें उनके संबंधित पार्ट नंबर और संपर्क विवरण भी शामिल हैं।

पत्र में कहा गया है कि हमने आपके ध्यान में तृणमूल कांग्रेस पार्टी के कई कार्यकर्ताओं के नाम भी बीएलओ लिस्ट में शामिल होने के उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। इसके अलावा, कई मामलों में यह भी देखा गया है कि असली पहचान को छिपाने के लिए उनके पदनाम भी गलत तरीके से लिखे गए हैं।

अब हम संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में वर्तमान में बीएलओ के रूप में कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों के स्थान पर 1,898 स्थायी कर्मचारियों की एक और लिस्ट प्रस्तुत कर रहे हैं।

भाजपा ने कहा कि हम आपके ध्यान में यह लाने के लिए बाध्य हैं कि कई मामलों में संबंधित बीडीओ प्रस्तावित स्थायी कर्मचारियों को फोन करके उन पर बीएलओ ड्यूटी न करने का पत्र लिखने का दबाव डाल रहे हैं। यह उनके वरिष्ठ अधिकारियों के सक्रिय समर्थन से किया जा रहा है। इस प्रकार की कार्रवाइयां स्थायी कर्मचारियों को बीएलओ के रूप में नियुक्त करने के लक्ष्य को सीधे तौर पर कमजोर करती हैं और एसआईआर की पारदर्शिता, निष्पक्षता और सत्यनिष्ठा पर प्रतिकूल प्रभाव डालेंगी, जिसके लिए चुनाव आयोग पूरे देश में प्रतिबद्ध है।

पत्र में आगे कहा गया है कि अतः हम आपके कार्यालय से अनुरोध करते हैं कि कृपया इस मामले में हस्तक्षेप करें और यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करें कि अस्थायी बीएलओ के स्थान पर स्थायी कर्मचारियों को नियुक्त करने का कार्य पूरी तरह से लागू हो। प्रस्तावित स्थायी कर्मचारियों पर बीएलओ ड्यूटी न करने के लिए स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों का अनुचित दबाव या प्रभाव न डाला जाए। सभी बीडीओ और संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दें कि वे बीएलओ ड्यूटी के लिए प्रस्तावित स्थायी कर्मचारियों को हतोत्साहित या बाधित न करें।

हमें यह भी बताया गया है कि कई जिलों में चुनाव आयोग के अनुसार उनकी अयोग्यता की ओर इशारा करने के बावजूद बीएलओ को प्रशिक्षण दिया गया है। हमें उम्मीद है कि इस तथ्य का उपयोग बाद में ऐसे अयोग्य बीएलओ को बनाए रखने के बहाने के रूप में नहीं किया जाएगा। मतदाता सूची प्रबंधन प्रक्रिया की पवित्रता की रक्षा के लिए हम इस मामले में आपके तत्काल हस्तक्षेप और आवश्यक कार्रवाई की आशा करते हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि चुनाव की प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बेहद महत्वपूर्ण है। भाजपा ने चुनाव आयोग को जो पत्र लिखा है, वह एक गंभीर मुद्दे की ओर इशारा करता है। निर्वाचन आयोग को इस मामले में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि लोकतंत्र की नींव को मजबूत किया जा सके।
NationPress
26/09/2025

Frequently Asked Questions

बीएलओ क्या होता है?
बीएलओ का मतलब है "बूथ लेवल ऑफिसर", जो चुनाव में मतदाता सूची और चुनाव प्रक्रिया की देखरेख करते हैं।
भाजपा ने चुनाव आयोग को क्या पत्र लिखा?
भाजपा ने चुनाव आयोग को पत्र में कहा कि बीएलओ की नियुक्तियां आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रही हैं।
तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के नाम क्यों शामिल किए गए?
भाजपा ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं को बीएलओ लिस्ट में शामिल किया गया है।