क्या पश्चिम बंगाल में दुर्गा पंडाल में 'काबा-मदीना' गाने पर सुधांशु त्रिवेदी ने ममता पर तंज किया?

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क्या पश्चिम बंगाल में दुर्गा पंडाल में 'काबा-मदीना' गाने पर सुधांशु त्रिवेदी ने ममता पर तंज किया?

सारांश

पश्चिम बंगाल में नवरात्रि के दौरान दुर्गा पंडाल में 'काबा-मदीना' गाने पर सुधांशु त्रिवेदी ने ममता बनर्जी पर तीखा हमला किया। क्या यह तुष्टिकरण की एक नई पराकाष्ठा है? जानिए इस विवाद के पीछे के कारण और भाजपा की प्रतिक्रिया।

Key Takeaways

  • सुधांशु त्रिवेदी ने नवरात्रि के दौरान गाने को हिंदू भावनाओं का अपमान बताया।
  • टीएमसी पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया गया।
  • ममता बनर्जी पर कटाक्ष किया गया।
  • भाजपा ने इसे सांस्कृतिक अपमान कहा।
  • टीएमसी ने इसे धार्मिक सद्भाव का प्रतीक बताया।

नई दिल्ली, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कटाक्ष किया। उन्होंने ममता की उपस्थिति में टीएमसी विधायक द्वारा मां दुर्गा पंडाल में 'काबा-मदीना' वाले गाने पर आपत्ति जताते हुए तुष्टिकरण का आरोप लगाया।

डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने नवरात्रि के दौरान दुर्गा पंडाल में 'जल्दी मुझे ले चलो, मेरे दिल में है काबा और मेरे मन में है मदीना' गाने को हिंदू भावनाओं का अपमान बताया। नई दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने टीएमसी और 'इंडिया' ब्लॉक पर सांस्कृतिक तुष्टिकरण का आरोप लगाया। त्रिवेदी ने कहा कि नवरात्रि के पावन पर्व पर पूरा देश शक्ति की आराधना में डूबा है, लेकिन इंडिया गठबंधन के नेताओं के "दुर्भाव" सामने आ रहे हैं।

त्रिवेदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 2024 के बयान 'शक्ति से लड़ने' का जिक्र करते हुए कहा, "पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की मौजूदगी में दुर्गा पंडाल में यह गाना गाया जाना सनातन धर्म पर आघात है। किसी के दिल में काबा या मदीना हो सकता है, लेकिन नवरात्रि में पंडाल में यह क्यों? क्या यह इंडिया ब्लॉक की सनातन धर्म के खिलाफ साजिश है?" उन्होंने कर्नाटक में मैसूर दशहरे के उद्घाटन में 'बानू मुस्तफा' से पूजा कराने का उदाहरण भी दिया।

उन्होंने सवाल किया, "जो लोग राम मंदिर के आमंत्रण को ठुकराते हैं, वे बिना बुलाए दुर्गा पंडाल में काबा-मदीना की अकीदत क्यों जताते हैं? यह कट्टरपंथी वोटों को लुभाने की खतरनाक योजना है।" त्रिवेदी ने ममता पर तंज कसते हुए कहा कि अमित शाह के पंडाल दौरे से पहले उनके पोस्टर हटाकर ममता के लगाए गए। एक अन्य पंडाल, जो 'ऑपरेशन सिंदूर' थीम पर था, उसे बंद कर अनुदान वापस ले लिया गया। यह हिंदू धर्म के प्रति टीएमसी सरकार की घृणा को दर्शाता है।

भाजपा ने इसे सांस्कृतिक अपमान करार दिया, जबकि टीएमसी ने इसे धार्मिक सद्भाव का प्रतीक बताया।

Point of View

जिसमें धार्मिक भावनाएं और राजनीतिक हित आपस में जुड़े हुए हैं। सुधांशु त्रिवेदी का बयान न केवल भाजपा की धार्मिक नीतियों का हिस्सा है, बल्कि यह पश्चिम बंगाल की राजनीतिक स्थिति को भी दर्शाता है। हमें यह समझना होगा कि ऐसे मुद्दे न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण हैं।
NationPress
27/09/2025

Frequently Asked Questions

भाजपा ने इस विवाद पर क्या प्रतिक्रिया दी?
भाजपा ने इसे सांस्कृतिक अपमान करार दिया है और आरोप लगाया है कि यह टीएमसी के तुष्टिकरण का एक उदाहरण है।
क्या टीएमसी ने इस मुद्दे पर कुछ कहा?
टीएमसी ने इसे धार्मिक सद्भाव का प्रतीक बताया है और भाजपा के आरोपों को खारिज किया है।
यह विवाद नवरात्रि के दौरान क्यों हुआ?
इस विवाद का समय नवरात्रि के पावन पर्व से मेल खाता है, जब हिंदू समुदाय शक्ति की आराधना में लीन रहता है।
क्या यह मामला धार्मिक सहिष्णुता को प्रभावित कर सकता है?
हां, ऐसे मुद्दे धार्मिक सहिष्णुता को प्रभावित कर सकते हैं और समाज में विभाजन का कारण बन सकते हैं।
क्या इस प्रकार के विवाद आम हैं?
हां, भारत में धार्मिक और राजनीतिक मुद्दों के बीच टकराव अक्सर देखने को मिलता है।