क्या मंगलवार को पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 'ड्राफ्ट वोटर लिस्ट' प्रकाशित होगी?

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क्या मंगलवार को पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 'ड्राफ्ट वोटर लिस्ट' प्रकाशित होगी?

सारांश

पश्चिम बंगाल और अन्य चार राज्यों की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट का प्रकाशन एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रक्रिया मतदाता सूची के पुनरीक्षण को आगे बढ़ाएगी। जानें कैसे यह प्रक्रिया प्रभावित करेगी चुनावी राजनीति को।

Key Takeaways

  • मतदाता सूची का पुनरीक्षण हर नागरिक के अधिकार को सुनिश्चित करता है।
  • प्रारूप मतदाता सूचियां सभी राजनीतिक दलों के लिए उपलब्ध होंगी।
  • त्रुटियों का निपटारा दावों और आपत्तियों के जरिए किया जाएगा।
  • पश्चिम बंगाल में वोटरों की संख्या 7,66,37,529 है।
  • यह प्रक्रिया लोकतंत्र की पारदर्शिता को बढ़ावा देती है।

नई दिल्ली, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के अंतर्गत आज पश्चिम बंगाल, राजस्थान, गोवा, पुडुचेरी और लक्षद्वीप की 'प्रारूप मतदाता सूचियां' (ड्राफ्ट वोटर लिस्ट) जारी की जाएंगी। इसके प्रकाशन के साथ ही मतदाता सूची की पुनरीक्षण प्रक्रिया औपचारिक रूप से आरंभ हो जाएगी।

चुनाव आयोग के अनुसार, संबंधित राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) और जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को प्रारूप मतदाता सूचियों की हार्ड कॉपी उपलब्ध कराएंगे, जिससे प्रारूप में यदि कोई त्रुटि या आपत्ति होती है, तो उसे निर्धारित समयसीमा के भीतर दर्ज कराया जा सके।

इसके अतिरिक्त, पारदर्शिता और आम जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रारूप मतदाता सूची को सीईओ और डीईओ की आधिकारिक वेबसाइटों पर भी अपलोड किया जाएगा। इसके अलावा, मतदाता सूचियों के साथ-साथ अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत और डुप्लीकेट मतदाताओं की सूचियां भी संबंधित सीईओ/डीईओ की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएंगी।

पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बुधवार रात तक बाहर किए जाने के लिए योग्य पाए गए 50 लाख नामों में से 23 लाख से अधिक नाम मृत वोटर श्रेणी में हैं, इसके बाद स्थानांतरित मतदाता श्रेणी में 18 लाख से ज्यादा नाम हैं। जबकि गायब मतदाताओं की संख्या सात लाख से अधिक हो चुकी है, बाकी बचे डुप्लीकेट मतदाता हैं और वे हैं, जिन्हें अन्य कारणों से हटाने के लिए चिह्नित किया गया है।

ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के प्रकाशन के बाद नोटिस चरण शुरू होगा, जिसमें चुनावी पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) द्वारा एक साथ गणना प्रपत्र पर नोटिस जारी करना, सुनवाई, प्रमाणित और निर्णय लेना तथा दावों और आपत्तियों का निपटारा करना शामिल है, जो 16 दिसंबर से 7 फरवरी, 2026 के बीच होगा।

निर्वाचक नामावली के विभिन्न पैरामीटर की जांच और अंतिम प्रकाशन के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की अनुमति 10 फरवरी, 2026 को दी जाएगी। निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन 14 फरवरी को होगा, जो पहले 7 फरवरी के लिए निर्धारित किया गया था। 27 अक्टूबर तक के निर्वाचक नामावली के अनुसार, पश्चिम बंगाल में कुल वोटरों की संख्या 7,66,37,529 है।

Point of View

बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि सभी योग्य मतदाता अपने अधिकारों का प्रयोग कर सकें। यह प्रक्रिया हर भारतीय नागरिक के लिए महत्वपूर्ण है और यह सुनिश्चित करती है कि सभी की आवाज़ सुनी जाए।
NationPress
15/12/2025

Frequently Asked Questions

ड्राफ्ट वोटर लिस्ट कब प्रकाशित होगी?
ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 15 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी।
मतदाता सूची की पुनरीक्षण प्रक्रिया क्या है?
यह प्रक्रिया मतदाता सूची में त्रुटियों को सुधारने और नए मतदाताओं के नाम जोड़ने के लिए होती है।
क्या सभी राजनीतिक दलों को प्रारूप मतदाता सूचियों की कॉपी मिलेगी?
हाँ, सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को प्रारूप मतदाता सूचियों की हार्ड कॉपी उपलब्ध कराई जाएगी।
मतदाता सूची में त्रुटियों का निपटारा कैसे किया जाएगा?
त्रुटियों का निपटारा दावों और आपत्तियों के माध्यम से किया जाएगा, जो 16 दिसंबर से 7 फरवरी, 2026 के बीच होगा।
पश्चिम बंगाल में वोटरों की कुल संख्या क्या है?
पश्चिम बंगाल में वोटरों की कुल संख्या 7,66,37,529 है।
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