क्या पश्चिम बंगाल में सभी सीमाएं पार हो चुकी हैं? अनुच्छेद 356 पर उठे सवाल: जगन्नाथ सरकार
सारांश
Key Takeaways
- जगन्नाथ सरकार ने ममता बनर्जी की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- अनुच्छेद 356 पर सवाल उठाना स्वाभाविक है।
- राज्य में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने की आवश्यकता है।
- लोकतंत्र की रक्षा के लिए निष्पक्ष चुनाव जरूरी हैं।
कोलकाता, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में सभी सीमाएं पार हो चुकी हैं।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए अब अनुच्छेद 356 पर सवाल उठाना स्वाभाविक है।
जगन्नाथ सरकार ने राष्ट्र प्रेस को बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य प्रशासन का रवैया अत्यंत चिंताजनक हो गया है। संवैधानिक संस्थाओं पर लगातार हमले हो रहे हैं। विशेषकर चुनाव आयोग के कामकाज में हस्तक्षेप की कोशिशें हो रही हैं, जिससे राज्य में भय और अस्थिरता का माहौल उत्पन्न हो रहा है।
भाजपा सांसद ने कहा कि यदि ऐसा ही वातावरण बना रहा, तो आम जनता खुद पूछेगी कि आखिर बंगाल में अनुच्छेद 356 क्यों नहीं लागू किया जाना चाहिए। कानून-व्यवस्था बहाल करने और निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए अब सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
जगन्नाथ सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि यह मुद्दा चुनावी माहौल को गर्म करने का नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा का है।
उन्होंने कहा, "यदि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने कर्तव्यों का उचित पालन नहीं कर रही हैं, तो जिनके पास अधिकार हैं, उन्हें आगे आकर आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए।"
भाजपा सांसद ने दोहराया कि उनकी मांग केवल निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने की है ताकि जनता बिना किसी दबाव और भय के अपने मताधिकार का उपयोग कर सके।
जगन्नाथ सरकार के इस बयान के बाद बंगाल की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। विपक्ष और सत्तारूढ़ दल के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर और तेज होने की संभावना है, खासकर आगामी चुनावों के मद्देनजर।