क्या आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण बुखार से पीड़ित हैं? सीएम नायडू ने दी स्वस्थ होने की शुभकामनाएँ

सारांश
Key Takeaways
- पवन कल्याण वायरल बुखार से पीड़ित हैं।
- उपचार हैदराबाद में चल रहा है।
- सीएम नायडू ने उनके स्वस्थ होने की कामना की।
- पवन कल्याण का राजनीतिक सफर 2008 में शुरू हुआ।
- वे एक प्रमुख अभिनेता और जनसेना पार्टी के नेता हैं।
अमरावती, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और जनसेना पार्टी के नेता पवन कल्याण वायरल बुखार से ग्रसित हैं। पार्टी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, वे पिछले चार दिनों से उपचार ले रहे हैं, लेकिन बुखार की गंभीरता में कोई कमी नहीं आई है। यह सूचना जनसेना पार्टी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा की है।
जनसेना पार्टी ने अपने पोस्ट में स्पष्ट किया कि पवन कल्याण को बुखार के साथ-साथ लगातार खांसी की समस्या भी है। डॉक्टरों की सलाह पर, वे हैदराबाद में मेडिकल जांच करवाने का निर्णय लिया है। पार्टी ने बताया कि उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण आज मंगलगिरी से हैदराबाद जाएंगे।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने जनसेना पार्टी के इस पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए पवन कल्याण के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने लिखा, "हम आंध्र प्रदेश के माननीय उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण के शीघ्र और पूर्ण स्वास्थ्य की कामना करते हैं। वे जल्द ही स्वस्थ होकर आंध्र प्रदेश की जनता की सेवा करें और अपनी फिल्म 'ओजी' की सफलता का आनंद लें।"
पवन कल्याण एक अभिनेता, निर्देशक, पटकथा लेखक और स्टंट कोऑर्डिनेटर हैं। वे राजनीति के साथ-साथ मुख्य रूप से तेलुगु सिनेमा में भी सक्रिय हैं और युवाओं के बीच एक आइकन के रूप में लोकप्रिय हैं। फिल्म जगत में उन्हें 'पावरस्टार' के नाम से जाना जाता है। पवन कल्याण ने अपने करियर में कई हिट फिल्में दी हैं, और उनकी शुरुआत धमाकेदार रही, जब उनकी एक के बाद एक छह फिल्में लगातार हिट रहीं।
पवन कल्याण भारतीय सिनेमा के सबसे महंगे अभिनेताओं में से एक हैं और 2012 से फोर्ब्स इंडिया की सेलिब्रिटी 100 लिस्ट में शामिल रहे हैं। 2001 में वे पहले साउथ इंडियन सेलिब्रिटी बने, जिन्होंने पेप्सी के ब्रांड एंबेसडर का पद ग्रहण किया।
पवन कल्याण ने 2008 में राजनीति में कदम रखा, जब वे चिरंजीवी की प्रजा राज्यम पार्टी के यूथ विंग के प्रमुख बने। 2011 में पार्टी के कांग्रेस में विलय के बाद, 14 मार्च 2014 को उन्होंने जनसेना पार्टी की स्थापना की। 2019 के चुनावों में हार का सामना करने के बाद, 2024 में टीडीपी और भाजपा के साथ गठबंधन में उन्होंने पिथापुरम सीट से जीत हासिल की।