क्या पीएम मोदी ने नेपाल आपदा पर दुख व्यक्त किया है?

Click to start listening
क्या पीएम मोदी ने नेपाल आपदा पर दुख व्यक्त किया है?

सारांश

नेपाल में आई बाढ़ और भूस्खलन ने अनेक जानें ले ली हैं। पीएम मोदी ने इस पर गहरा दुख व्यक्त किया है, और सहायता का आश्वासन दिया है। जानें इस विषय में क्या कहा गया है और यह स्थिति कितनी गंभीर है।

Key Takeaways

  • नेपाल में आई बाढ़ और भूस्खलन ने कई जानें लीं।
  • पीएम मोदी ने सहायता का आश्वासन दिया है।
  • काठमांडू घाटी में यातायात पर प्रतिबंध है।
  • भूस्खलन के कारण कुछ प्रमुख मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं।
  • नागरिकों से घर के अंदर रहने की अपील की गई है।

नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। नेपाल में तेज बारिश ने भयंकर तबाही मचाई है, जिसके कारण कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। बाढ़ और भूस्खलन के कारण अनेक लोगों की जानें गई हैं। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया है।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि नेपाल में भारी बारिश से हुई जनहानि और नुकसान अत्यंत दुखद है। इस कठिन समय में, हम नेपाल की जनता और सरकार के साथ खड़े हैं। एक मित्रवत पड़ोसी और प्रथम प्रतिक्रियादाता के रूप में भारत हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

नेपाल में शुक्रवार से जारी भारी बारिश के कारण विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन, बाढ़ और जलभराव की स्थिति उत्पन्न हुई है। भारत के दार्जिलिंग के निकट इलाम जिले में सबसे अधिक मौतें हुई हैं। इलाम के मुख्य जिला अधिकारी सुनीता नेपाल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि शनिवार को हुए भूस्खलन में तीन घर ढह गए और अब तक 14 लोगों की जान जा चुकी है।

सुनीता ने कहा कि भूस्खलन के कारण अधिक घरों को नुकसान पहुँचने की वजह से मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना है। इलाम जिला प्रशासन कार्यालय (डीएओ) ने स्थानीय प्रशासन से भूस्खलन और बाढ़ से हुए नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

उन्होंने कहा कि भूस्खलन के कारण इलाम को दक्षिणी झापा जिले से जोड़ने वाला मेची राजमार्ग भी कई स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है। जल विज्ञान एवं मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, शुक्रवार से भारी बारिश हो रही थी, लेकिन रविवार सुबह स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ।

मौसम विज्ञान विभाग ने रविवार को जारी नोटिस में कहा कि अधिकांश जिलों में बारिश कम हुई है और काठमांडू घाटी के ललितपुर जिले के कुछ हिस्सों में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई। विभाग का कहना है कि काठमांडू, मोरंग, सुनसरी, उदयपुर, सप्तरी, सिराहा, धनुषा, सरलाही, सिंधुली और रामेछाप जिलों के कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश हो रही है।

विभाग ने रविवार दोपहर और रात को पूर्वी कोशी प्रांत के पहाड़ी जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है। भूस्खलन के कारण कई राजमार्गों को भी नुकसान हुआ है, जिससे यातायात भी बाधित हो गया है।

नेपाल सरकार ने काठमांडू घाटी में आने-जाने वाले वाहनों के प्रवेश और निकास पर अभी भी प्रतिबंध जारी रखा है। मेट्रोपॉलिटन ट्रैफिक पुलिस डिवीजन के अनुसार, घाटी को जोड़ने वाले प्रमुख मार्ग, पृथ्वी राजमार्ग (काठमांडू को पश्चिमी नेपाल से जोड़ता है), बीपी राजमार्ग (राजधानी को दक्षिण-पूर्वी नेपाल से जोड़ता है) और अरानिको राजमार्ग (काठमांडू को चीनी सीमा से जोड़ता है) पूरी तरह से अवरुद्ध हो गए हैं।

इस बीच, देश की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने एक वीडियो संदेश जारी कर नागरिकों से अपील की है कि वे घर के अंदर रहें और जब तक अत्यंत आवश्यक न हो, यात्रा करने से बचें। उन्होंने नागरिकों की सुरक्षा का आश्वासन भी दिया है।

Point of View

बल्कि इसके आस-पास के क्षेत्रों को भी प्रभावित कर सकता है। एक मजबूत मित्रता और सहयोग के माध्यम से हम इस कठिन समय में नेपाल के साथ खड़े रह सकते हैं।
NationPress
05/10/2025

Frequently Asked Questions

नेपाल में बारिश के कारण क्या हुआ?
नेपाल में बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति उत्पन्न हुई है, जिससे कई जानें गई हैं।
भारत ने नेपाल को क्या सहायता देने का आश्वासन दिया है?
भारत ने नेपाल को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।
क्या नेपाल सरकार ने किसी प्रकार के प्रतिबंध लगाए हैं?
जी हां, नेपाल सरकार ने काठमांडू घाटी में आने-जाने वाले वाहनों के प्रवेश और निकास पर प्रतिबंध लगाया है।
भूस्खलन के कारण कौन-कौन से मार्ग अवरुद्ध हुए हैं?
पृथ्वी राजमार्ग, बीपी राजमार्ग और अरानिको राजमार्ग अवरुद्ध हुए हैं।
क्या नेपाल की प्रधानमंत्री ने नागरिकों से कोई सलाह दी है?
जी हां, उन्होंने नागरिकों से घर के अंदर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।