क्या प्रशांत किशोर को घाटे वाली कंपनियों से मिले करोड़ों रुपए?

सारांश
Key Takeaways
- प्रशांत किशोर पर गंभीर आरोप हैं कि उन्हें घाटे वाली कंपनियों से पैसे मिले।
- भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने इस मामले को उजागर किया।
- आरोपों के समर्थन में ठोस दस्तावेज हैं।
- राजनीतिक पारदर्शिता की आवश्यकता है।
बेतिया, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने जन सूराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर ने स्वीकार किया है कि उन्हें अयोध्या रामी रेड्डी से 14 करोड़ रुपए प्राप्त हुए, लेकिन यह पैसा उनके संगठन जनसुराज के खाते में क्यों नहीं गया, इस पर उन्होंने अब तक कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया।
संजय जायसवाल ने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रशांत किशोर ने स्पष्ट नहीं किया कि यह राशि उनके पास कैसे आई और जनसुराज के खाते में क्यों नहीं गई। उन्होंने बताया कि एनरिका इंटरप्राइजेज, जो घाटे में चल रही है और जिसके सभी डायरेक्टर शराब कंपनियों के मालिक हैं, ने भी प्रशांत किशोर के कहने पर 20 करोड़ रुपए दिए। प्रशांत किशोर को बताना चाहिए कि जब कंपनी घाटे में थी तो उसने इतनी बड़ी राशि क्यों दी।
भाजपा सांसद ने यह भी कहा कि केवल एनरिका ही नहीं, बल्कि एक और घाटे की कंपनी ने भी प्रशांत किशोर को 4 करोड़ रुपए दिए। इसके अलावा, बहुत सी अन्य कंपनियां भी घाटे में रहने के बावजूद करोड़ों रुपए प्रशांत किशोर या उनकी पार्टी को देती रही हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरा मामला कांग्रेस के समय के घोटालों की तरह है, जिसे हर व्यक्ति जानता है। उसी प्रकार प्रशांत किशोर के समय भी पैसे का खेल चल रहा है। पहले घाटे में चल रही कंपनियों को पैसा दिया जाता है और फिर वही पैसा प्रशांत किशोर तक पहुंचता है।
जायसवाल ने दावा किया कि उनके आरोप ठोस तथ्यों पर आधारित हैं। सभी दस्तावेज और कंपनियों का ब्योरा उपलब्ध है। सवाल यह है कि घाटे और डूबी हुई कंपनियों के पास से प्रशांत किशोर के पास करोड़ों रुपए क्यों आते हैं?