क्या ममता सरकार को कानून-व्यवस्था सुधारनी चाहिए? प्रवीण खंडेलवाल का बयान

सारांश
Key Takeaways
- ममता सरकार को कानून-व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है।
- महिलाओं के खिलाफ हो रही घटनाओं पर ध्यान देना जरूरी है।
- कांवड़ यात्रा का सम्मान करना चाहिए।
- जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू की जाए।
- प्रधानमंत्री को मामलों का गंभीरता से संज्ञान लेना चाहिए।
नई दिल्ली, 13 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने रविवार को कई मुद्दों पर अपनी स्पष्ट राय व्यक्त की। उन्होंने कोलकाता के जोका में प्रतिष्ठित भारतीय प्रबंधन संस्थान-कलकत्ता (आईआईएम-सी) के छात्रावास में एक युवती के साथ हुए दुष्कर्म के मामले पर राज्य की ममता सरकार पर तीखा हमला किया।
इसके साथ ही, उन्होंने दिल्ली के शाहदरा में कांवड़ यात्रा के मार्ग पर कांच के टुकड़े बिखेरने की घटना, जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग लाने और 'उदयपुर फाइल्स' पर लगी रोक के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम कन्हैयालाल की पत्नी के पत्र पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
कोलकाता रेप केस पर प्रवीण खंडेलवाल ने ममता बनर्जी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि बंगाल में लंबे समय से चल रही शासन व्यवस्था अब कानून और व्यवस्था के मोर्चे पर पूरी तरह विफल होती नजर आ रही है।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में खंडेलवाल ने कहा कि बंगाल, विशेषकर कोलकाता में महिलाओं के खिलाफ बार-बार हो रही घटनाएं ममता सरकार की असंवेदनशीलता को उजागर करती हैं। एक महिला मुख्यमंत्री के नेतृत्व में भी यदि महिलाओं के साथ इस प्रकार का व्यवहार हो रहा है, तो यह बेहद शर्मनाक है। ममता बनर्जी को चाहिए कि वे अपने बाकी राजनीतिक एजेंडे को छोड़कर कानून-व्यवस्था की स्थिति सुधारने पर ध्यान केंद्रित करें और दोषियों को कड़ी सजा दिलाएं।
दिल्ली के शाहदरा में कांवड़ यात्रा के मार्ग पर कांच के टुकड़े बिखेरने की घटना को लेकर भी खंडेलवाल ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व कांवड़ यात्रा में बाधा डालने का प्रयास कर रहे हैं, जो बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। कांवड़ यात्रा शिव भक्ति की शक्ति से जुड़ी होती है। यह श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है। जो लोग इसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
खंडेलवाल ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग लाने का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जस्टिस वर्मा की हालिया गतिविधियां पूरी न्यायिक व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं। ऐसे में, यह आवश्यक हो गया है कि उनके खिलाफ संसद में महाभियोग की प्रक्रिया शुरू की जाए ताकि न्यायपालिका की निष्पक्षता और जिम्मेदारी सुनिश्चित की जा सके।
वहीं, 'उदयपुर फाइल्स' पर रोक के खिलाफ कन्हैयालाल की पत्नी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने पर प्रतिक्रिया देते हुए खंडेलवाल ने कहा कि वह आश्वस्त हैं कि प्रधानमंत्री और प्रशासन इस मामले का गंभीरता से संज्ञान लेंगे।