क्या व्यापार करना भारत की आवश्यकता है, और क्या हमें समस्याओं पर आवाज उठानी चाहिए?

सारांश
Key Takeaways
- व्यापार करना भारत की आवश्यकता है।
- सभी देशों की भागीदारी आवश्यक है।
- समस्याओं पर आवाज उठाना जरूरी है।
- टैरिफ के प्रभावों को समझना चाहिए।
- विपक्ष की मांगों पर ध्यान देना चाहिए।
नई दिल्ली, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मंगलवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर के उस बयान का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अब बड़े देश वैश्विक राजनीति में अकेले नहीं हैं, बल्कि सभी देशों की भागीदारी आवश्यक है।
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "एस. जयशंकर ने जो कहा, वह सत्य है। अनेक देशों में लोग टैरिफ के आधार पर चुनाव जीतकर आए हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो टैरिफ लगा रहे हैं, वह वैश्विक व्यापार को विकृत कर रहा है। डब्ल्यूटीओ के अनुसार वैश्विक व्यापार सही दिशा में चल रहा है। लेकिन जब कोई देश अपने आपको बड़ा समझने लगे और अड़ंगा डालने लगे, तो यह बताना आवश्यक हो जाता है। हम एक विकासशील देश हैं। व्यापार करना हमारे देश की आवश्यकता है। ऐसे में यदि किसी प्रकार की समस्या आती है, तो हमें उस पर आवाज उठानी चाहिए।"
रूस से तेल खरीदने के संदर्भ में ट्रंप के हालिया बयान पर भी प्रियंका चतुर्वेदी ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ट्रंप का यह कहना कि भारत रूस से जो तेल खरीद रहा है, उसके कारण यूक्रेन का युद्ध नहीं रुक रहा है, यह एक बेबुनियाद आरोप है।
उन्होंने आगे कहा, "जिस प्रकार से कहा जा रहा है कि केवल भारत ही तेल खरीद रहा है, जबकि चीन और यूरोपीय संघ भी तेल खरीद रहे हैं। ट्रंप का आरोप सही नहीं है।"
विपक्ष द्वारा संसद में एसआईआर पर चर्चा की मांग का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा, "संसद में एसआईआर पर चर्चा क्यों नहीं हो सकती है? जब एक साजिश के तहत जनता के वोटों पर हमला हो रहा है।"