क्या प्रियंका गांधी ने स्वतंत्रता दिवस पर 'एक व्यक्ति - एक वोट' और 'समृद्ध जनतंत्र' का जिक्र किया?

सारांश
Key Takeaways
- भारत की स्वतंत्रता का 78वां वर्ष मनाया गया।
- प्रियंका गांधी ने 'एक व्यक्ति-एक वोट' के सिद्धांत पर बल दिया।
- स्वतंत्रता दिवस पर सभी नेताओं ने बधाई दी।
नई दिल्ली, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत की स्वतंत्रता का 78वां वर्ष मनाने के अवसर पर देशवासियों में उत्साह देखने को मिल रहा है। सत्तारूढ़ और विपक्षी नेताओं ने सभी नागरिकों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं लोकसभा सांसद प्रियंका गांधी सहित अनेक नेताओं ने इस विशेष दिन पर बधाई दी।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने नायकों की कुर्बानियों को याद करते हुए 'एक व्यक्ति-एक वोट के सिद्धांत के माध्यम से एक समृद्ध जनतंत्र' का उल्लेख किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। हमारे लाखों नायकों ने अनगिनत कुर्बानियां देकर हमें आजादी दिलाई। हमें लोकतंत्र, न्याय, समानता और आपसी एकता का राष्ट्रीय संकल्प सौंपा। एक व्यक्ति-एक वोट के सिद्धांत के जरिए एक समृद्ध जनतंत्र दिया। हमारी आजादी, संविधान और इसके उसूलों की रक्षा के लिए हमारा संकल्प अडिग है। जय हिंद! जय भारत!"
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संविधान के आदर्शों की रक्षा का उल्लेख करते हुए देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने 'एक्स' पर लिखा, "सभी प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। स्वतंत्रता, सामाजिक न्याय, समान अवसर और सामूहिक जिम्मेदारी का प्रतीक है। हमने लोकतंत्र की मूल भावना, सम्मान, समता और एकता को समझा और अपनाया है। संविधान के आदर्शों की रक्षा करना और आजादी के प्रकाश को निरंतर जलाए रखना हमारा सर्वोच्च कर्तव्य है। आइए, हम मिलकर अपने प्रदेश को प्रगति और आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करें। जय हिंद, जय हिमाचल।"
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं डीएमके के अध्यक्ष एमके स्टालिन ने 'एक्स' पर लिखा, "सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। इस दिन, आइए हम एक ऐसे राष्ट्र के निर्माण के अपने संकल्प को और मजबूत करें जहां लोकतंत्र की कोई चोरी न हो, जहां हर नागरिक का वोट मायने रखता हो और जहां विविधता को हमारी सबसे बड़ी ताकत माना जाए। सच्ची आजादी का मतलब है कट्टरता को नकारना, भेदभाव को खत्म करना और हाशिए पर पड़े लोगों की रक्षा करना। इसका मतलब है हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के आदर्शों को कायम रखना, ताकि हर व्यक्ति समानता, गरिमा और सम्मान के साथ जी सके।