क्या लैंड पूलिंग पॉलिसी किसानों की राय को ध्यान में रखते हुए वापस ली गई?

सारांश
Key Takeaways
- किसानों की आवाज़ का सम्मान
- सरकार का सक्रिय रुख
- लैंड पूलिंग पॉलिसी का वापसी
- भविष्य की योजनाएँ
- किसानों के हितों की रक्षा
चंडीगढ़, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा है कि पंजाब के अंदर आम आदमी पार्टी (आप) ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए लैंड पूलिंग पॉलिसी लागू की थी, लेकिन यह पॉलिसी किसानों के लिए बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं थी। उन्होंने बताया कि किसानों की नकारात्मक प्रतिक्रिया को देखते हुए इस पॉलिसी को तुरंत वापस ले लिया गया है।
हरपाल चीमा ने यह भी स्पष्ट किया कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (जो स्वयं एक किसान हैं) ने मुख्यमंत्री बनने के बाद किसानों की समस्याओं को गहराई से समझा और नहरों का पानी दूर-दूर तक पहुंचाने के लिए सक्रिय रूप से काम करना शुरू किया।
उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब सरकार हमेशा से किसानों के लिए काम करती रही है। जब किसानों ने लैंड पूलिंग पॉलिसी का विरोध किया, तो सरकार ने उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए इसे तुरंत वापस ले लिया।
वहीं, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपने पोस्ट में कहा कि मैं उन बहादुर अकाली कार्यकर्ताओं, किसानों, मजदूरों और दुकानदारों को सलाम करता हूँ, जिन्होंने एकजुट होकर अरविंद केजरीवाल को लैंड पूलिंग पॉलिसी को वापस लेने पर मजबूर किया। यह वास्तव में जमीन हड़पने की एक कोशिश थी, जिसके अंतर्गत आम आदमी पार्टी देशभर में अपनी पार्टी का विस्तार करने के लिए दिल्ली के बिल्डरों से 30,000 करोड़ रुपए वसूलना चाहती थी।
उन्होंने कहा कि मैं पंजाबियों को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि जिस प्रकार हमने लाखों लोगों के साथ मिलकर जमीनी आंदोलन चलाया और आम आदमी पार्टी को लैंड पूलिंग पॉलिसी वापस लेने पर मजबूर किया, उसी तरह हम भ्रष्ट और घोटालेबाज आप सरकार को पंजाब को दिवालिया बनाने, बाहरी लोगों को नौकरियां देने, कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने और गैंगस्टरों को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार ठहराएंगे। मैं पंजाबियों से अपील करता हूँ कि वे शिरोमणि अकाली दल के नेतृत्व में एकजुट होकर पंजाब को फिर से पटरी पर लाएं और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करें।