क्या पुरी में रथयात्रा के दौरान हुई घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है?

सारांश
Key Takeaways
- रथ यात्रा के दौरान हुई भगदड़ में तीन श्रद्धालुओं की मौत हुई।
- ओडिशा सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अधिकारियों को निलंबित किया।
- मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपये की सहायता की घोषणा की।
- यह घटना रथ यात्रा की सुरक्षा पर सवाल उठाती है।
- अव्यवस्थाओं के कारण इस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं।
पुरी, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। पुरी में रविवार को ऐतिहासिक रथ यात्रा के दौरान श्री गुंडिचा मंदिर के पास हुई भगदड़ में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। इस हृदयविदारक घटना ने पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ा दी है। यह हादसा सुबह करीब 4:30 बजे हुआ, जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु रथ खींचने के लिए एकत्रित हुए थे। ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए इसे दुखद और अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण कहा।
उन्होंने आगे कहा कि यह वास्तव में दुर्भाग्य की बात है। वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है और रिपोर्ट आने के बाद और कड़े कदम उठाए जाएंगे। मंत्री ने अव्यवस्थाओं पर चिंता जताई और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। सरकार ने उचित कदम उठाए हैं और तेजी से कार्रवाई की गई है।
हादसे के बाद राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से डीसीपी बिष्णु पति और कमांडेंट अजय पाढ़ी को ड्यूटी में लापरवाही के कारण निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही पुरी के जिलाधिकारी और एसपी का भी तबादला किया गया है। चंचल राणा को नया जिलाधिकारी और पिनाक मिश्रा को नया एसपी नियुक्त किया गया है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी बयान में कहा गया है, "मुख्यमंत्री इस घटना से अत्यंत व्यथित हैं। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से खेद व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट की है।"
मुख्यमंत्री माझी ने स्पष्ट किया, "महाप्रभु की रथ यात्रा ओड़िया राज्य का गौरव है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो भी जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"