क्या पूर्व सांसद अरुण कुमार अपने बेटे ऋतुराज के साथ जदयू में शामिल हो गए?

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क्या पूर्व सांसद अरुण कुमार अपने बेटे ऋतुराज के साथ जदयू में शामिल हो गए?

सारांश

बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। पूर्व सांसद अरुण कुमार ने अपने बेटे ऋतुराज के साथ जदयू में शामिल होकर राजनीतिक परिदृश्य में हलचल मचा दी है। क्या यह कदम आगामी चुनावों में जदयू को मजबूती देगा?

Key Takeaways

  • पूर्व सांसद अरुण कुमार का जदयू में शामिल होना क्षेत्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है।
  • इस कदम से जदयू को चुनावी मजबूती मिल सकती है।
  • सैकड़ों समर्थकों ने भी पार्टी की सदस्यता ली, जो पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।
  • केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने इस कदम का स्वागत किया है।
  • बिहार में राजनीतिक दलों का बदलता समीकरण आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

पटना, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद से राजनीतिक दलों में बदलाव का दौर जारी है। इसी संदर्भ में, शनिवार को जदयू के राज्य कार्यालय में एक समारोह के दौरान, पूर्व सांसद अरुण कुमार अपने बेटे ऋतुराज कुमार के साथ जदयू में शामिल हो गए। उनके साथ सैकड़ों समर्थकों ने भी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह भी उपस्थित रहे।

जदयू की सदस्यता लेने के बाद, पूर्व सांसद अरुण कुमार ने पार्टी नेताओं को यह विश्वास दिलाया कि बिहार जिस प्रगति के मार्ग पर है, उसमें वे अपनी पूरी ऊर्जा लगाकर एनडीए की सरकार फिर से बनाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में जंगलराज को वापस नहीं आने देंगे।

केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कहा कि अरुण कुमार हमारे पुराने साथी हैं, जो किसी कारणवश बीच में बिछड़ गए थे, लेकिन आज वे फिर से अपने घर लौट आए हैं। उन्होंने पूर्व सांसद और पार्टी में शामिल सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि मगध और जहानाबाद की धरती इस चुनाव में एक तूफान ला देगी।

इस अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि पूर्व सांसद अरुण कुमार ने समता पार्टी को भी सशक्त बनाने का काम किया था। उन्होंने यह भी कहा कि अरुण कुमार और चंद्रेश्वर चंद्रवंशी के गले मिलने का दृश्य यह दर्शाता है कि पार्टी अब और मजबूत होगी।

गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से पूर्व सांसद के जदयू में शामिल होने की अटकलें चल रही थीं। माना जा रहा है कि जदयू में उनकी एंट्री से मगध क्षेत्र के चुनावी समीकरणों पर असर पड़ेगा। अरुण कुमार दो बार सांसद रह चुके हैं, पहली बार उन्होंने 1999 में जदयू के टिकट पर जहानाबाद से जीत हासिल की थी।

Point of View

NationPress
11/10/2025

Frequently Asked Questions

पूर्व सांसद अरुण कुमार ने जदयू में शामिल होने का फैसला क्यों किया?
पूर्व सांसद अरुण कुमार ने जदयू में शामिल होने का फैसला बिहार में प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए किया है।
क्या जदयू में अरुण कुमार की शामिल होने से चुनावी समीकरण पर असर पड़ेगा?
हां, उनका जदयू में शामिल होना मगध क्षेत्र के चुनावी समीकरणों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।
अरुण कुमार कितनी बार सांसद रह चुके हैं?
अरुण कुमार दो बार सांसद रह चुके हैं।
इस समारोह में कौन-कौन उपस्थित थे?
समारोह में राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह और संजय कुमार झा जैसे प्रमुख नेता उपस्थित थे।
क्या यह कदम जदयू को राजनीतिक लाभ देगा?
यह कदम जदयू को चुनावी लाभ देने में सहायक हो सकता है।