क्या अरुण जेटली को कृषि कानून पर धमकाने के लिए भेजा गया था? राहुल गांधी ने लगाए हैं गंभीर आरोप

सारांश
Key Takeaways
- कृषि कानूनों के खिलाफ राहुल गांधी का संघर्ष जारी है।
- अरुण जेटली को धमकाने के लिए भेजने का आरोप।
- मतदाता सूची में गड़बड़ियों का खुलासा।
- लोकतंत्र की अखंडता पर सवाल।
- चुनाव आयोग की भूमिका पर गंभीर चिंताएं।
नई दिल्ली, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने यह आरोप लगाया है कि कृषि कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्हें धमकाने के लिए अरुण जेटली को भेजा गया था। राहुल गांधी ने शनिवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के वार्षिक विधि सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त किए।
राहुल गांधी ने कहा, "मुझे याद है जब मैं कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहा था और वे (अरुण जेटली) अब इस दुनिया में नहीं हैं, इसलिए शायद मुझे यह नहीं कहना चाहिए, लेकिन मैं कहूंगा, अरुण जेटली को मुझे धमकाने के लिए भेजा गया था। उन्होंने (जेटली) कहा कि यदि आप सरकार के खिलाफ इसी मार्ग पर चलते रहे, तो हमें आपके खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।" मैंने उनकी ओर देखा और कहा, "मुझे नहीं लगता कि आपको पता है कि आप किससे बात कर रहे हैं, क्योंकि हम कांग्रेस के लोग हैं, हम कायर नहीं हैं।"
इस अवसर पर कांग्रेस के सांसद ने सरकार पर लोकतांत्रिक ढांचों को कमजोर करने और चुनावी प्रक्रिया की अखंडता से समझौता करने का आरोप लगाया। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद बड़े पैमाने पर कथित तौर पर मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों को दोहराया।
उन्होंने कहा, "मुझे हमेशा संदेह था कि कुछ गलत है। यह गुजरात से शुरू हुआ। कांग्रेस ने कुछ राज्यों में एक भी सीट नहीं जीती, जो समझ में नहीं आया। जब हमने सवाल किया तो हमें कहा गया, 'सबूत कहां है?"
महाराष्ट्र के मतदाता डेटा की गहन जांच का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने कहा, "हमने लाखों मतदाताओं के फोटो और नामों का मैन्युअल रूप से मिलान किया। एक निर्वाचन क्षेत्र में 6.5 लाख वोट पड़े, जिनमें से 1.5 लाख फर्जी थे। हमें चुनाव आयोग से फिजिकल कॉपियां मिलीं, क्योंकि उन्होंने हमें इलेक्ट्रॉनिक कॉपियां नहीं दीं।"
राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग गायब हो गया है। अब उसका कोई अस्तित्व ही नहीं है।