क्या राहुल गांधी का भारतीय संस्कृति से कोई लेना-देना नहीं है?
सारांश
Key Takeaways
- दिनेश प्रताप सिंह का बयान भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण है।
- पीएम मोदी की नीतियाँ किसानों के लिए अहम हैं।
- राहुल गांधी की गंभीरता पर सवाल उठाए गए हैं।
- नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री पद पर दसवीं बार आना अनुकरणीय है।
- राजनीतिक विमर्श में नेताओं की धारणा महत्वपूर्ण है।
लखनऊ, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा है कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं, जो भारतीय किसानों को भगवान मानते हुए और जनता को जनता-जनार्दन समझकर सेवा कर रहे हैं।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि पीएम मोदी के सेवा भाव के कारण ही देश की जनता उन्हें अपना आशीर्वाद देती आ रही है। किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त राज्य के किसानों के लिए संजीवनी के रूप में आई है।
राहुल गांधी के चुनाव आयोग और एसआईआर पर उठाए गए सवालों पर उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि भारत निर्वाचन आयोग ने आगामी चुनावों में अवैध नागरिकों को वोटर लिस्ट से बाहर करने की प्रक्रिया शुरू की है। इसका उद्देश्य यह है कि देश के बाहर के लोग भारत में घुसकर अमन को नुकसान न पहुंचाएं। यह निर्णय देश के लिए सही था, लेकिन राहुल गांधी का भारतीय संस्कृति से कोई लेना-देना नहीं है। उनकी सोच पार्टी को कंपनी की तरह चलाने की है।
मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि राहुल गांधी राजनीति को लेकर कभी गंभीर नहीं होते। चुनावों के बाद वह कोलंबिया या थाईलैंड चले जाते हैं। उन्हें भारत की माटी से कोई मोह नहीं है। मुझे गर्व है कि मैं जिस देश का निवासी हूं, उसके गृह मंत्री ने पिछले 20 वर्षों में विदेश नहीं गए। यदि प्रधानमंत्री देश से बाहर गए हैं, तो वह देशवासियों के सुख और सम्मान को ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए ही गए हैं।
नीतीश कुमार के दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि मुझे गर्व है कि एक व्यक्ति की चाहत इतनी हो कि वह दस बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सके। यह हम सबके लिए उनके व्यक्तित्व का अनुकरणीय उदाहरण है।