क्या राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या पर सवाल उठाए? अमित मालवीय ने क्या जवाब दिया?

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क्या राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या पर सवाल उठाए? अमित मालवीय ने क्या जवाब दिया?

सारांश

महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या की बढ़ती संख्या पर राहुल गांधी ने सरकार से सवाल उठाए। क्या अमित मालवीय ने सच में राहुल को आईना दिखाया? जानें इस मुद्दे में क्या है खास।

Key Takeaways

  • 767 किसानों की आत्महत्या एक गंभीर मुद्दा है।
  • किसानों की समस्याओं का समाधान आवश्यक है।
  • राजनीतिक दलों को मिलकर काम करना चाहिए।
  • एमएसपी की गारंटी जरूरी है।
  • किसानों के हितों की रक्षा हमारा कर्तव्य है।

नई दिल्ली, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर विपक्षी दलों ने प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन 767 किसानों की आत्महत्या को लेकर आयोजित किया गया। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक्स पोस्ट के माध्यम से सरकार से कुछ सवाल उठाए, तो भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इतिहास की याद दिलाई।

मालवीय ने राहुल गांधी के पोस्ट पर लिखा, "मृतकों की गिनती की राजनीति घिनौनी होती है, लेकिन राहुल गांधी जैसे लोगों को आईना दिखाना जरूरी होता है।"

इसके साथ ही मालवीय ने एक इन्फोग्राफिक भी साझा किया। जिसमें राहुल गांधी और शरद पवार की तस्वीर लगी हुई है और पूछा गया है कि 'पहले ये बताएं कि महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी (शरद पवार) सरकार के 15 सालों में 55,928 किसानों ने आत्महत्या क्यों की?' इस इन्फोग्राफिक में कांग्रेस-एनसीपी के पिछले 15 वर्षों के कार्यकाल में किसानों की आत्महत्या का संपूर्ण विवरण दिया गया है। पोस्टर के अंत में लिखा है, "अब भाजपा-महायुति सरकार किसानों के हित में कार्यरत है।"

इससे पहले राहुल गांधी ने एक्स पोस्ट पर किसानों की आत्महत्या का मुद्दा उठाते हुए प्रदेश और केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया।

राहुल गांधी ने एक्स पोस्ट में लिखा, "सोचिए, सिर्फ 3 महीनों में महाराष्ट्र में 767 किसानों ने आत्महत्या कर ली। क्या ये सिर्फ एक आंकड़ा है? नहीं। ये 767 उजड़े हुए घर हैं। 767 परिवार जो कभी नहीं संभल पाएंगे। और सरकार? चुप है। बेरुखी से देख रही है। किसान हर दिन कर्ज में और गहराई तक डूब रहा है - बीज महंगे हैं, खाद महंगी है, डीजल महंगा है। लेकिन एमएसपी की कोई गारंटी नहीं। जब वो कर्ज माफी की मांग करते हैं, तो उन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है। लेकिन जिनके पास करोड़ों हैं? उनके लोन मोदी सरकार आराम से माफ कर देती है। सिस्टम किसानों को मार रहा है - चुपचाप।

Point of View

NationPress
03/09/2025