क्या राहुल गांधी ने अफगान मंत्री की प्रेस वार्ता में महिला पत्रकारों की अनुपस्थिति पर केंद्र को घेरा?

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क्या राहुल गांधी ने अफगान मंत्री की प्रेस वार्ता में महिला पत्रकारों की अनुपस्थिति पर केंद्र को घेरा?

सारांश

राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी वाड्रा के समर्थन में केंद्र की निंदा की, जहां महिला पत्रकारों को अफगान विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं बुलाया गया। यह मुद्दा नारी सशक्तिकरण और समानता के अधिकारों पर गहरा सवाल उठाता है।

Key Takeaways

  • महिलाओं को हर क्षेत्र में समान भागीदारी का अधिकार है।
  • केंद्र सरकार को महिला सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता साबित करनी होगी।
  • प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की अनुपस्थिति एक गंभीर मुद्दा है।
  • समानता के अधिकार की रक्षा करना आवश्यक है।
  • नारी शक्ति पर दिए गए नारों की वास्तविकता को समझना जरूरी है।

नई दिल्ली, ११ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा दिल्ली में अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के संबंध में केंद्र की आलोचना का समर्थन किया, जिसमें महिला पत्रकारों को भाग लेने की अनुमति नहीं थी।

प्रियंका गांधी के एक्स पोस्ट को साझा करते हुए, राहुल गांधी ने कहा, "पीएम मोदी, जब आप सार्वजनिक मंच पर महिला पत्रकारों को बाहर रखते हैं, तो आप भारत की हर महिला को बता रहे हैं कि आप उनके लिए खड़े होने के लिए बहुत कमजोर हैं।"

उन्होंने कहा कि भारत में महिलाओं को हर क्षेत्र में समानता का अधिकार है और प्रेस कॉन्फ्रेंस के मुद्दे पर केंद्र की चुप्पी की आलोचना की।

नेता प्रतिपक्ष गांधी ने कहा, "हमारे देश में महिलाओं को हर क्षेत्र में समान भागीदारी का अधिकार है। इस तरह के भेदभाव के सामने आपकी चुप्पी नारी शक्ति पर आपके नारों के खोखलेपन को उजागर करती है।"

इससे पहले, कांग्रेस सांसद प्रियंका ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' के माध्यम से सवाल किया कि अगर भारत में महिला पत्रकारों का इस तरह अपमान होता है, तो केंद्र सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए कैसे प्रतिबद्ध है।

एक्स पर एक पोस्ट में, प्रियंका गांधी ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कृपया तालिबान के प्रतिनिधि के भारत दौरे पर उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को हटाए जाने पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें।"

उन्होंने कहा, "अगर महिलाओं के अधिकारों के प्रति आपकी मान्यता एक चुनाव से दूसरे चुनाव तक सिर्फ़ दिखावा नहीं है, तो फिर हमारे देश में, जहां महिलाएं इसकी रीढ़ और गौरव हैं, भारत की कुछ सबसे सक्षम महिलाओं का यह अपमान कैसे होने दिया गया?"

हालांकि, केंद्र ने मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों पर 'प्रतिबंध' लगाने में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार किया है।

विदेश मंत्रालय (एमईए) ने स्पष्ट किया कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के निमंत्रण मुंबई स्थित अफगानिस्तान के महावाणिज्य दूत द्वारा अफगान मंत्री की यात्रा के लिए दिल्ली स्थित चुनिंदा पत्रकारों को भेजे गए थे। एनडीटीवी ने मंत्रालय के हवाले से बताया कि अफगान दूतावास का परिसर भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।

Point of View

बल्कि समाज के समग्र विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। हमें नारी सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को साबित करना होगा।
NationPress
11/10/2025

Frequently Asked Questions

राहुल गांधी ने केंद्र पर क्या आरोप लगाए?
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने महिला पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने की अनुमति नहीं देकर उनके अधिकारों का उल्लंघन किया है।
केंद्र ने इस मुद्दे पर क्या प्रतिक्रिया दी?
केंद्र ने अफगान मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों पर 'प्रतिबंध' लगाने में किसी भी भूमिका से इनकार किया है।
प्रियंका गांधी ने इस मामले में क्या कहा?
प्रियंका ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि वे महिला पत्रकारों को इस तरह अपमानित होने की अनुमति क्यों देते हैं।