क्या जनता के हित में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ आएंगे?

सारांश
Key Takeaways
- राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की एकजुटता का महत्व
- हिंदी भाषा विवाद का असर
- एनसीपी (एसपी) की प्रतिक्रिया
- बीएमसी चुनाव की तैयारी
- संविधान की प्रस्तावना पर विचार
मुंबई, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में हिंदी भाषा विवाद पर शिवसेना(यूबीटी) के नेता संजय राउत के सोशल मीडिया पोस्ट पर एनसीपी (एसपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यदि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे यदि जनता के हित में एक साथ आते हैं, तो यह एक स्वागत योग्य कदम है। महाराष्ट्र की जनता काफी समय से यह सोच रही थी कि कब दोनों भाई साथ आएंगे। अनेक लोग चाहते हैं कि दोनों भाई एक साथ एक मंच साझा करें।
संजय राउत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की एक तस्वीर साझा की। इस तस्वीर के संदर्भ में राउत ने बताया कि महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी की अनिवार्यता के खिलाफ एकजुट मार्च निकाला जाएगा। ठाकरे ही ब्रांड हैं।
बीएमसी चुनाव को लेकर दोनों भाई एक साथ आ रहे हैं। जब इस पर एनसीपी (एसपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कहा कि भाजपा की ओर से जो भी बयान जारी किया जाता है, वह चुनाव के संदर्भ में होता है। इसीलिए उन्हें लगता है कि दोनों भाई एक साथ आ रहे हैं तो चुनाव के कारण आ रहे हैं। दोनों भाई महाराष्ट्र के हित में वर्षों से काम कर रहे हैं। यदि दोनों भाई मिलकर आते हैं, तो हम उनका स्वागत करेंगे।
आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबोले द्वारा दिल्ली में गुरुवार को आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में संविधान की प्रस्तावना से सोशलिस्ट और सेक्यूलर शब्द हटाने की मांग पर एनसीपी (एसपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने कहा कि हमारे देश में एक संविधान है। हम एक लोकतांत्रिक राष्ट्र हैं। किसी के बयान देने से कुछ नहीं बदलता। हर चीज के लिए एक उचित प्रक्रिया है- समीक्षा की जाती है, हमारे पास संसद, लोकसभा, राज्यसभा है और सामूहिक रूप से निर्णय लिए जाते हैं। उसके बाद ही उसके अनुसार कार्रवाई की जाती है। किसी के कुछ कहने से चीजें तुरंत नहीं बदल जाएंगी।