क्या राजद ने गौड़ाबौराम से अफजल अली को निष्कासित किया?
                                सारांश
Key Takeaways
- राजद ने बागी नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है।
 - मोहम्मद अफजल अली को नामांकन वापस न लेने पर निष्कासित किया गया।
 - गौड़ाबौराम सीट महागठबंधन के लिए महत्वपूर्ण है।
 
पटना, ३ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने हाल ही में बगावत करने वाले नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। इस क्रम में, राजद ने गौड़ाबौराम विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार मोहम्मद अफजल अली को नामांकन वापस न लेने पर छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया।
राजद के बिहार प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल ने सोमवार को यह आदेश जारी किया। उन्होंने बताया कि दरभंगा जिले की ७९, गौड़ाबौराम विधानसभा सीट पर महागठबंधन ने आपसी समन्वय के आधार पर विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को उम्मीदवार देने का निर्णय लिया। गौड़ाबौराम से महागठबंधन के अधिकृत उम्मीदवार के रूप में संतोष सहनी को समर्थन प्राप्त है।
राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव के निर्देशानुसार, मोहम्मद अफजल अली खां से अपेक्षा की गई थी कि वे महागठबंधन के निर्णय का सम्मान करें। लेकिन उन्होंने पार्टी के निर्णय की अनदेखी करते हुए एनडीए गठबंधन को लाभ पहुंचाने के लिए अपना नामांकन वापस नहीं लिया। इसके परिणामस्वरूप, पार्टी ने उन्हें हठधर्मिता और नेतृत्व के निर्णय के विरुद्ध आचरण के कारण छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया।
यह ध्यान देने योग्य है कि इससे पूर्व, गौड़ाबौराम सीट पर महागठबंधन के राजद और वीआईपी के प्रत्याशियों ने अलग-अलग नामांकन पत्र भरे थे। इसके बाद दोस्ताना संघर्ष की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन जब तेजस्वी यादव चुनावी प्रचार के दौरान गौड़ाबौराम पहुंचे, तो उन्होंने संतोष सहनी को महागठबंधन का आधिकारिक उम्मीदवार घोषित किया।
संतोष सहनी, जो कि वीआईपी के संस्थापक मुकेश सहनी के भाई हैं, पार्टी के अध्यक्ष भी हैं। इस कारण, गौड़ाबौराम सीट वीआईपी के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन गई है। इससे पहले राजद ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण कई नेताओं को निष्कासित किया है।