क्या राजीव रंजन का आरजेडी पर बड़ा हमला महागठबंधन को डूबने से बचा पाएगा?

सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन की स्थिति कमजोर हो रही है।
- राजीव रंजन का बयान जनता की धारणा को दर्शाता है।
- भ्रष्टाचार के आरोप महागठबंधन के लिए चुनौती बन सकते हैं।
- एनडीए की एकजुटता चुनावी जंग में महत्वपूर्ण होगी।
- बिहार की जनता विकास और सुशासन चाहती है।
पटना, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव की हलचल के बीच जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने महागठबंधन पर कड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की नाव मझधार में फंस गई है और उसका डूबना तय है।
राजीव रंजन ने यह भी कहा कि वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों में कांग्रेस और आरजेडी एकजुटता से अपनी कुर्बानी देने को इच्छुक नहीं हैं। चुनावी संघर्ष में उन्हें यह समझ में आ गया है कि जनता की धारणा का क्या महत्व है। लालू और तेजस्वी यादव की छवि पर जो गहरे दाग हैं, उन्हें मिटाना आरजेडी और महागठबंधन के नेताओं के लिए असंभव होगा। जनता की नजर में उनकी विश्वसनीयता समाप्त हो चुकी है।
उन्होंने आईआरसीटीसी घोटाले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर आरोप तय होने का हवाला देते हुए तंज किया कि "भ्रष्टाचार पर उपदेश देने वाले अब न्यायिक फैसले का सामना करेंगे।"
राजीव रंजन ने कहा कि अब देखना यह है कि भ्रष्टाचार पर दूसरों को उपदेश देने वाले और नौकरियों के बड़े-बड़े दावे करने वाले इन लोगों का न्यायिक फैसले पर क्या प्रतिक्रिया होगी। सभी को पता है कि इस परिवार का चाल, चरित्र और छवि कभी नहीं बदलेगी। लालू यादव, राबड़ी और तेजस्वी यादव पर आरोप तय हो चुके हैं। चारा घोटाले में दोषी ठहराए गए लालू प्रसाद के कारनामों को जनता अभी तक नहीं भूली है। उनके भ्रष्टाचार का इतिहास लंबा है और आरजेडी के लिए इससे उबरना अत्यंत कठिन होगा। जनता ने महागठबंधन में शामिल कांग्रेस, वामपंथी और वीआईपी समेत उनके साथ खड़े दलों को भी नकारने का मन बना लिया है।
एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर उठ रहे असंतोष के प्रश्न पर राजीव रंजन ने बताया कि गठबंधन में कोई नाराजगी नहीं है।
उन्होंने कहा, "सभी दलों ने अपने-अपने एक्स हैंडल पर ट्वीट कर सहमति जताई है। सीट बंटवारा सर्वसम्मति से हुआ है और हमारा प्रचार अभियान शुरू हो चुका है।"
राजीव रंजन ने यह दावा किया कि एनडीए को इस बार और बड़ी जीत मिलेगी, जो आरजेडी के लिए 2010 के चुनाव से भी बदतर होगी। जनता ने महागठबंधन और उसके सहयोगी दलों को नकारने का मन बना लिया है। भ्रष्टाचार और कुशासन की छवि के चलते जनता अब एनडीए के साथ है। बिहार की जनता विकास और सुशासन चाहती है, जिसका वादा एनडीए पूरा करेगा। एनडीए का स्पष्ट लक्ष्य और एकजुटता बिहार में शानदार जीत की गारंटी है।