क्या यूपी में बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने का संदेश दे रही हैं राज्यपाल?

सारांश
Key Takeaways
- बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल विकास जरूरी है।
- स्वास्थ्य जांच नियमित रूप से कराई जानी चाहिए।
- सभी विश्वविद्यालयों को बालिका गृहों के विकास में सहयोग देना चाहिए।
- पौष्टिक भोजन और शिक्षण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
- बालिकाओं को रसोई बनाना सीखने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
लखनऊ, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को महिला कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित राजकीय बाल गृह (बालिका) सिंधीखेड़ा, पारा, लखनऊ का भ्रमण और निरीक्षण किया।
राज्यपाल ने बालिकाओं के साथ आत्मीय संवाद करते हुए उनकी पढ़ाई, दिनचर्या, जीवन के सपनों और भविष्य की आकांक्षाओं पर विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने बालिकाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि वे मन लगाकर पढ़ाई करें, नए कौशल सीखें और अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।
राज्यपाल ने बालिकाओं को रसोई, सिलाई, योग तथा अन्य उपयोगी कौशलों में दक्ष बनने की प्रेरणा दी, ताकि वे आगे चलकर आत्मनिर्भर बन सकें और अपने जीवन को गरिमा के साथ जी सकें।
उन्होंने बालिका गृह का विस्तृत निरीक्षण करते हुए साफ-सफाई, किचन, टॉयलेट, ट्यूशन और शिक्षण पद्धति, काउंसलिंग, योग, पढ़ाई का टाइम-टेबल, सिलाई केंद्र तथा अन्य सुविधाओं का जायजा लिया।
राज्यपाल ने निर्देश दिए कि बच्चियों का नियमित हेल्थ चेकअप कराया जाए और विशेष रूप से हीमोग्लोबिन की जांच अनिवार्य रूप से हो। इसके अलावा, उन्होंने बालिकाओं द्वारा बनाए गए हस्तशिल्प उत्पादों को देखा और उनकी सराहना की।
उन्होंने संस्थान में खुले ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन किया और बच्चियों को मेहंदी और ब्यूटी कला सीखने के लिए प्रोत्साहित किया। राज्यपाल ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि बालिकाओं को जीवनोपयोगी कौशलों का प्रशिक्षण दिया जाए और उनका समग्र विकास सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय बालिका गृहों को गोद लें और इनके विकास में सक्रिय सहयोग प्रदान करें। उन्होंने बालिकाओं से कहा कि सप्ताह में एक दिन स्वयं रसोई बनाना अवश्य सीखें, ताकि आत्मनिर्भर बनने की क्षमता विकसित हो। राज्यपाल ने यह भी सुनिश्चित किया कि बालिकाओं को पौष्टिक भोजन, ऑनलाइन शिक्षा और बेहतर शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई जाए।