क्या मराठी बोलने के लिए किसी के साथ दादागिरी करना है अस्वीकार्य? रामदास अठावले

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क्या मराठी बोलने के लिए किसी के साथ दादागिरी करना है अस्वीकार्य? रामदास अठावले

सारांश

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने हिंदी और मराठी भाषाओं के बीच सम्मान और एकता की जरूरत को उजागर किया है। उनका मानना है कि दादागिरी के तरीके से किसी को बोलने के लिए मजबूर करना गलत है। जानिए उन्होंने क्या कहा।

Key Takeaways

  • हिंदी की संख्या देश में सबसे अधिक है।
  • मराठी बोलने का दबाव बनाना गलत है।
  • गुंडागर्दी को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।
  • राज ठाकरे को जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
  • सभी को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए।

मुंबई, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने हिंदी और मराठी भाषा को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हिंदी भाषा का प्रभाव कमज़ोर है।

रामदास अठावले ने कहा कि ब्रिटिश राज के समय से ही मुंबई का एक विशेष स्थान रहा है। इसलिए, कई उद्योगपति इस शहर में आए। मुंबई में देश के विभिन्न हिस्सों से लोग रहते हैं और हमें इस पर गर्व है। हमने उनका सम्मान किया है और यहाँ उद्योग लगाने में उनका सहयोग किया है, जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिला है।

उन्होंने आगे कहा कि जो लोग मुंबई में जन्मे हैं, चाहे वे किसी अन्य राज्य के हों, उन्हें मराठी भाषा अच्छी आती है। वे मराठी बोलते हैं, लेकिन दादागिरी के ढंग से यह कहना कि सबको मराठी बोलनी चाहिए, उचित नहीं है। हम इसकी निंदा करते हैं। मैं लोगों से अपील करता हूँ कि दूसरों को पीटने वालों को गिरफ्तार किया जाए।

देश में हिंदी बोलने वालों की संख्या सबसे अधिक है, इसलिए हिंदी को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है। मुंबई में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ आए हैं, लेकिन कितने दिन तक साथ रहेंगे, यह कहना मुश्किल है। वे मराठी के मुद्दे पर एकजुट हुए हैं। हालाँकि, राज्य सरकार ने हिंदी पढ़ने का निर्णय वापस ले लिया था। हमें मराठी के लिए काम करना है, लेकिन हिंदी राज्यभाषा का विरोध करना उचित नहीं है। मनसे के कार्यकर्ता लोगों की पिटाई कर रहे हैं; यह सही बात नहीं है। मैं राज ठाकरे से कहना चाहूँगा कि इससे मुंबई की स्थिति को नुकसान पहुँचेगा। ऐसी गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए। यदि यह नहीं रुकती है, तो ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। यदि वे थप्पड़ मारते हैं, तो एक दिन उन्हें भी थप्पड़ मिल सकता है।

उन्होंने कहा कि अगर दोनों भाई बीएमसी चुनाव लड़ते हैं, तो भी महायुति चुनाव में जीत हासिल करेगी। महाराष्ट्र सरकार को लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। दिल्ली में मराठी लोग बड़ी संख्या में रहते हैं, और देश के विभिन्न हिस्सों में भी। यदि इन मराठी लोगों को कोई परेशानी होती है, तो क्या राज ठाकरे उनकी रक्षा करेंगे? राज ठाकरे को गुंडागर्दी रोकनी चाहिए। मैं मनसे के लोगों को कहता हूँ कि यदि दादागिरी करनी है, तो पाकिस्तान के लोगों के साथ करो, हम सभी भारतीय हैं।

उन्होंने कहा कि आर्थिक राजधानी मुंबई में गैर-मराठी लोग भी हैं, जो उद्योग चलाते हैं। यदि उद्योग बंद हो गए, तो क्या राज ठाकरे सभी को नौकरी देंगे? मेरा उद्धव ठाकरे से एक सवाल है, क्योंकि हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं और बालासाहेब ठाकरे ने हिंदुओं के लिए बहुत कुछ किया, लेकिन अब वे क्या कर रहे हैं? मुझे लगता है कि मनसे के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

Point of View

NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

रामदास अठावले का बयान किस विषय पर है?
रामदास अठावले का बयान हिंदी और मराठी भाषा के संबंध में है, जिसमें उन्होंने दादागिरी के खिलाफ आवाज उठाई है।
क्या दादागिरी के लहजे में मराठी बोलने का दबाव बनाना सही है?
रामदास अठावले का मानना है कि यह उचित नहीं है और इसे निंदा की जानी चाहिए।