क्या रसोइयों का मानदेय बढ़ाना सिर्फ एक चुनावी घोषणा है? : मृत्युंजय तिवारी

सारांश
Key Takeaways
- रसोइयों के मानदेय में वृद्धि का ऐलान चुनावी रणनीति हो सकता है।
- मुख्यमंत्री का ऐलान चुनाव के नजदीक आया है।
- राजद प्रवक्ता ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
पटना, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मध्याह्न भोजन में कार्यरत रसोइयों के मानदेय में दोगुनी वृद्धि के ऐलान को चुनावी घोषणा करार दिया है।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में दावा किया कि जब तेजस्वी यादव 17 महीने सरकार में थे, तो इसका पूरा खाका पहले ही तैयार कर लिया गया था।
तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस समय ऐसा ऐलान कर रहे हैं, जब कुछ ही महीनों बाद प्रदेश में चुनाव होने जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन लोगों ने पिछले 20 वर्षों में कुछ नहीं किया। अब जब चुनाव नजदीक आ रहा है, तो ये लोग इस तरह के ऐलान कर रहे हैं, ताकि जनता को अपने पक्ष में किया जा सके।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ‘मृत अर्थव्यवस्था’ के बयान का समर्थन करने पर एक बात कही जा रही है कि राहुल के इस बयान से अब उनके सहयोगी दल नाराज हो रहे हैं। इस सवाल के जवाब में तिवारी ने कहा कि कोई भी सहयोगी दल नाराज नहीं हो रहा है। यह सबकुछ एक सोची समझी साजिश के तहत, एक प्रोपेगेंडा के तहत किया जा रहा है, जिसे हम किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देंगे। राहुल गांधी देश के करोड़ों लोगों की आवाज बन रहे हैं। वो लोगों के मुद्दे को जोरशोर से उठा रहे हैं।
इसके अलावा, मालेगांव ब्लास्ट मामले में कोर्ट के फैसले पर तिवारी ने कहा कि यह न्यायालय का फैसला है। हमें एक बात की विशेष ध्यान रखना चाहिए कि आतंकवादियों और अपराधियों को जाति और धर्म के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। आतंकवादी, सिर्फ आतंकवादी होता है। अब इस ब्लास्ट मामले में जिन लोगों पर आरोप लगे थे, उन्हें न्यायालय ने बरी कर दिया। अब ऐसी स्थिति में कोर्ट के फैसले पर क्या ही प्रतिक्रिया दी जाए।