क्या भोजपुरी सुपरस्टार रवि किशन को मिला 'दादा साहब फाल्के अवॉर्ड'?
सारांश
Key Takeaways
- रवि किशन को दादा साहब फाल्के अवॉर्ड मिला है।
- उनका जन्म जौनपुर के केराकत गांव में हुआ।
- उन्होंने 33 सालों में लगभग 200 फिल्मों में काम किया।
- वे भोजपुरी सिनेमा के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
- उनके प्रशंसक इस उपलब्धि पर जश्न मना रहे हैं।
गोरखपुर, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भोजपुरी सिनेमा और बॉलीवुड में अपनी शानदार अदाकारी के लिए मशहूर गोरखपुर के भाजपा सांसद रवि किशन को एक और महत्वपूर्ण सम्मान प्राप्त हुआ है। उन्हें 2025 के 'दादा साहब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवॉर्ड' से नवाजा गया है।
हाल ही में फिल्म 'लापता लेडीज' के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतने के बाद, यह सम्मान उन्हें एक नई खुशी का अवसर प्रदान कर रहा है। गोरखपुर के सांसद और अभिनेता रवि किशन ने 33 वर्षों की कड़ी मेहनत और समर्पण का फल अंततः पाया है।
शनिवार की रात बेस्ट एक्टर इन सपोर्टिंग रोल (लापता लेडीज) के लिए दादा साहब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवॉर्ड 2025 की घोषणा हुई, जिससे उनके प्रशंसकों में उल्लास की लहर दौड़ गई। लोग सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई देने लगे और कई समर्थक उनके गोरखपुर निवास पर मिठाइयाँ बाँटने पहुंचे।
फिल्मफेयर अवॉर्ड मिलने पर रवि किशन ने कहा कि यह उनकी 33 साल की मेहनत का परिणाम है। अब दादा साहब फाल्के सम्मान मिलने पर उन्होंने भावुकता से कहा कि यह सब उनके माता-पिता, समर्थकों और गुरु गोरखनाथ बाबा के आशीर्वाद से संभव हुआ है। उन्हें प्रेरणा प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी से मिलती है।
उनके जनसंपर्क अधिकारी पवन दुबे ने बताया कि यह सम्मान उनके कठिन परिश्रम और समर्पण का परिणाम है। उन्होंने कहा कि रवि किशन ने अपनी मेहनत से भोजपुरी सिनेमा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है।
रवि किशन का जन्म जौनपुर जिले के केराकत गांव में हुआ और उन्होंने 19 वर्ष की उम्र में फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा। अब तक उन्होंने भोजपुरी, हिंदी और दक्षिण भारतीय भाषाओं में लगभग 200 फिल्मों में अभिनय किया है।
फिल्मफेयर के बाद 'दादा साहब फाल्के' सम्मान मिलने से गोरखपुर से लेकर मुंबई तक उनके प्रशंसकों में उत्साह का माहौल है। वर्तमान में अभिनेता और सांसद रवि किशन बिहार विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारक की भूमिका निभा रहे हैं।