क्या रुद्रप्रयाग में वन विभाग ने सुरक्षा उपायों के लिए 40 लाख रुपए आवंटित किए हैं?

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क्या रुद्रप्रयाग में वन विभाग ने सुरक्षा उपायों के लिए 40 लाख रुपए आवंटित किए हैं?

सारांश

रुद्रप्रयाग में मानव-वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर वन विभाग ने सुरक्षा उपायों के लिए 40 लाख रुपए आवंटित किए हैं। जानें इस बैठक में क्या निर्णय लिए गए और कैसे ये उपाय स्थानीय लोगों की सुरक्षा में मदद करेंगे।

Key Takeaways

  • मानव-वन्यजीव संघर्ष में वृद्धि की गंभीरता पर चर्चा हुई।
  • वन विभाग को 40 लाख रुपए का आवंटन किया गया।
  • आधुनिक उपकरणों की खरीद से निगरानी में सुधार होगा।
  • स्थानीय नागरिकों के साथ संवाद को बढ़ावा दिया जाएगा।

रुद्रप्रयाग, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में मानव-वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं को ध्यान में रखते हुए वन संरक्षक गढ़वाल आकाश कुमार वर्मा ने सोमवार को विभागीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में हालिया घटनाओं, सुरक्षा उपायों, संसाधनों की उपलब्धता और संवेदनशील क्षेत्रों में तैनाती पर गहन चर्चा की गई।

आकाश कुमार वर्मा ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में मानव-वन्यजीव संघर्ष में तेजी आई है। इस वर्ष अब तक छह लोगों की जानें जा चुकी हैं और 120 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा लगातार संवेदनशील क्षेत्रों का आकलन किया जा रहा है और जोखिम को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। गुलदार के हमलों के बाद इस वर्ष भालू के हमलों में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जिसके कारणों की जांच की जा रही है।

बैठक में जंगली जानवरों की गतिविधियों की निगरानी, मौके पर कार्मिकों की तैनाती, जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ाने और स्थानीय नागरिकों से संवाद को मजबूत करने पर जोर दिया गया।

उधर, रुद्रप्रयाग में गुलदार और भालू की बढ़ती सक्रियता को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने भी सुरक्षा उपायों को सख्त किया है। जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने और आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वन विभाग को 40 लाख रुपए की अतिरिक्त धनराशि आवंटित की है।

इस धनराशि का उपयोग आधुनिक थर्मल ड्रोन, फॉक्स लाइट, ट्रैंकुलाइज गन, एनआईडस, उन्नत पिंजरे और अन्य सुरक्षा उपकरण खरीदने के लिए किया जाएगा। इन उपकरणों का उपयोग निगरानी, रेस्क्यू कार्यों और आपात स्थितियों में त्वरित कार्रवाई के लिए किया जाएगा।

प्रभागीय वनाधिकारी रुद्रप्रयाग रजत सुमन ने बताया कि हाल के दिनों में संघर्ष की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है। नए उपकरणों की आवश्यकता को लेकर प्रशासन को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे 28 नवंबर को आयोजित बैठक में तुरंत स्वीकृत कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि आधुनिक उपकरणों से जंगली जानवरों की गतिविधियों को रियल-टाइम में ट्रैक करने में मदद मिलेगी, जिससे दुर्घटनाओं और हमलों की संभावना में प्रभावी कमी आएगी। इसी के साथ, प्रभावित क्षेत्रों में गश्त बढ़ाने, अलर्ट सिस्टम को मजबूत करने और रेस्क्यू ऑपरेशनों की दक्षता बढ़ाने पर भी विभाग ध्यान केंद्रित कर रहा है।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि ऐसे मुद्दों पर ध्यान दिया जाए जो मानव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष को बढ़ा रहे हैं। वन विभाग का यह कदम न केवल स्थानीय समुदायों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि इससे वन्यजीवों के संरक्षण हेतु भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

रुद्रप्रयाग में मानव-वन्यजीव संघर्ष क्यों बढ़ रहा है?
मानव-वन्यजीव संघर्ष में वृद्धि के कई कारण हैं, जिसमें आवास की कमी और जंगली जानवरों का भोजन की तलाश में गांवों के करीब आना शामिल है।
वन विभाग ने सुरक्षा के लिए क्या उपाय किए हैं?
वन विभाग ने 40 लाख रुपए की धनराशि का आवंटन किया है, जिसका उपयोग आधुनिक सुरक्षा उपकरणों की खरीद के लिए किया जाएगा।
क्या नए उपकरणों से स्थिति में सुधार होगा?
हां, नए उपकरणों के माध्यम से जंगली जानवरों की गतिविधियों का रियल-टाइम ट्रैक किया जा सकेगा, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी।
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