क्या अल्काराज की कभी हार न मानने वाली मानसिकता सच्चे चैंपियन की पहचान है? : सचिन तेंदुलकर

सारांश
Key Takeaways
- सचिन तेंदुलकर का अल्काराज के प्रति अद्भुत सम्मान।
- कभी हार न मानने वाली मानसिकता की महत्वपूर्णता।
- टेनिस में रोजर फेडरर का प्रभाव।
- अल्काराज की ऊर्जा और खेल के प्रति समर्पण।
- क्रिकेट और टेनिस में दिग्गज खिलाड़ियों की दोस्ती।
लंदन, १२ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। इस समय इंग्लैंड पर दुनिया की निगाहें टिकी हैं। भारत-इंग्लैंड टेस्ट श्रृंखला के साथ-साथ, वहां विंबलडन का आयोजन भी चल रहा है। इस प्रतिष्ठित टेनिस टूर्नामेंट का आनंद लेने के लिए कई प्रमुख क्रिकेटर्स टेनिस कोर्ट पर पहुंच रहे हैं। शुक्रवार को महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने कार्लोस अल्काराज और टेलर फ्रिट्ज के बीच हुए सेमीफाइनल मैच का आनंद लिया।
मैच के बाद, सचिन ने जियोहॉटस्टार से बात करते हुए कहा, "मैं हमेशा जॉन मैकेनरो का प्रशंसक रहा हूं। मुझे याद है कि मेरे सभी दोस्त ब्योर्न बोर्ग का समर्थन करते थे, लेकिन मैं हमेशा मैकेनरो का पक्षधर रहा। मैं उनकी तरह हेडबैंड पहनता था, ताकि मेरे दोस्त मुझे मैकेनरो कहें।"
उन्होंने आगे कहा कि समय के साथ रोजर फेडरर ने उन्हें बहुत प्रभावित किया। राफेल नडाल और नोवाक जोकोविच का खेल भी उन्हें भाता है, लेकिन फेडरर की खेल शैली ने उन्हें विशेष रूप से आकर्षित किया है।
सचिन तेंदुलकर और रोजर फेडरर की दोस्ती हमेशा चर्चित रही है।
तेंदुलकर ने बताया, "आधुनिक खिलाड़ियों में, कार्लोस अल्काराज मुझे बेहद प्रेरित करते हैं। उनकी ऊर्जा अद्भुत है। मुझे उनके पैरों में स्फूर्ति, उनके रवैये और फ्रेंच ओपन में दिखाई गई मानसिक दृढ़ता बहुत भाती है। कभी हार न मानने वाला दृष्टिकोण एक सच्चे चैंपियन की पहचान है। सभी टेनिस खिलाड़ी चैंपियन नहीं बनते, लेकिन उनकी तैयारी और मेहनत के लिए मेरे मन में गहरा सम्मान है।"
कार्लोस अल्काराज ने सेमीफाइनल में टेलर फ्रिट्ज को हराकर विंबलडन २०२५ के फाइनल में जगह बनाई, उन्होंने ६-४, ५-७, ६-३, ७-६ (६) से जीत हासिल की।
इस बीच, भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स टेस्ट के पहले दिन, सचिन तेंदुलकर ने मैच शुरू होने से पहले ऐतिहासिक घंटी बजाई। उसी दिन, मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) संग्रहालय में कलाकार स्टुअर्ट पियर्सन राइट द्वारा निर्मित उनके चित्र का अनावरण किया गया।