क्या सम्राट चौधरी ने राहुल गांधी पर तंज कसा? जलेबी भी छानी, मछली भी पकड़ी!
सारांश
Key Takeaways
- सम्राट चौधरी का बयान राजनीतिक उठापटक दर्शाता है।
- गांधी परिवार की नीतियों पर सवाल उठाए गए हैं।
- महिलाओं के लिए योजनाओं का विरोध राजद पर आरोप है।
- बिहार की जनता की राय महत्वपूर्ण है।
- राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति बनी हुई है।
पटना, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के नेता सम्राट चौधरी ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के तालाब में मछली पकड़ने को लेकर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है।
राहुल गांधी के बेगूसराय में तालाब में मछली पकड़ने पर सम्राट चौधरी ने कहा कि यही तो देश चाहता है कि गांधी परिवार कुछ सकारात्मक कार्य करे।
उन्होंने कहा कि 78 वर्षों में गांधी परिवार ने केवल लूटने का कार्य किया है। अब प्रधानमंत्री मोदी के डर के कारण उन्हें जलेबी भी छाननी पड़ी और मछली भी पकड़नी पड़ी।
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के लोगों को पहले से ही पता है कि लालू यादव ने पहले महिला बिल को फाड़ा था। आज महिलाओं के उद्योग के लिए जो राशि दी जा रही है, उस पर वे विरोध कर रहे हैं।
इससे पहले, बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन द्वारा जारी किए गए साझा चुनावी घोषणा पत्र पर सम्राट चौधरी ने कहा कि घोषणा पत्र से ही लालू यादव गायब हो गए हैं। उन्हें कोई स्थान नहीं दिया गया है।
सम्राट चौधरी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जिस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को जनता विलेन समझे, उस पार्टी का क्या होगा। पहले राजद के प्रमुख लालू प्रसाद यादव को जनता विलेन समझती थी, अब तेजस्वी यादव भी उन्हें विलेन मान रहे हैं।
उन्होंने राजद और तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष को घोषणा पत्र में ही स्थान न मिले। ऐसा प्रतीत होता है कि अब महागठबंधन ध्यान नहीं दे रहा है।
लगभग डेढ़ करोड़ महिलाओं को 10,000 रुपए वितरित करने की सरकार की योजना की राजद द्वारा आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए चौधरी ने उन पर महिला विरोधी होने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि यह उनके डीएनए में है। संसद में महिला आरक्षण विधेयक को फाड़ने का जिम्मेदार लालू यादव ही थे। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वह विधेयक अंततः पारित हो गया। सीएम नीतीश कुमार ने अपनी ओर से पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। बिहार की जनता जानती है कि महिला सशक्तिकरण का सच्चा समर्थन कौन करता है।