क्या मोबाइल में संचार साथी ऐप अनिवार्य करने के निर्देश असंवैधानिक हैं?

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क्या मोबाइल में संचार साथी ऐप अनिवार्य करने के निर्देश असंवैधानिक हैं?

सारांश

भारत सरकार ने मोबाइल हैंडसेट की जांच के लिए संचार साथी ऐप इंस्टॉल करने का निर्देश दिया। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने इसे असंवैधानिक बताया। जानिए इस विवाद की पूरी कहानी और इसके संभावित परिणाम।

Key Takeaways

  • सरकार का नया निर्देश संचार साथी ऐप के माध्यम से मोबाइल हैंडसेट की जांच से संबंधित है।
  • यह ऐप नागरिकों की गतिविधियों पर निगरानी रखने का साधन बन सकता है।
  • कांग्रेस नेता ने इसे असंवैधानिक बताया है।
  • निजता का अधिकार संविधान के अनुसार मौलिक अधिकार है।
  • सभी मैसेजिंग ऐप्स को नए नियमों का पालन करना होगा।

नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत सरकार के दूरसंचार विभाग ने मोबाइल हैंडसेट की वास्तविकता की जांच के लिए फोन में संचार साथी ऐप को पहले से इंस्टॉल करने का निर्देश जारी किया है। इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह निर्देश संविधान के उल्लंघन से परे है।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर इस निर्देश को साझा करते हुए लिखा कि निजता का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 में निहित जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का एक अभिन्न अंग है।

उन्होंने यह भी कहा कि एक प्री-लोडेड सरकारी ऐप, जिसे हटाया नहीं जा सकता, हर भारतीय पर नजर रखने का एक उपकरण है। यह हर नागरिक की गतिविधियों, बातचीत और निर्णयों पर निगरानी रखने का एक साधन है।

वेणुगोपाल ने आगे कहा कि यह भारतीय नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों पर लगातार हमलों की एक श्रृंखला का हिस्सा है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम इस निर्देश का विरोध करते हैं और इसे तुरंत वापस लेने की मांग करते हैं।

भारत सरकार ने 29 नवंबर को एक महत्वपूर्ण नियम लागू किया है। इसके अनुसार, व्हाट्सएप, टेलीग्राम, अरट्टाई जैसे सभी मैसेजिंग ऐप्स अब हमेशा यूजर के डिवाइस में सक्रिय सिम कार्ड से जुड़े रहेंगे।

नियम के अनुसार, ऐप केवल तभी काम करेगा जब वह एक चालू सिम कार्ड से लिंक होगा। इसके साथ ही, इन सभी प्लेटफॉर्म का वेब संस्करण हर 6 घंटे में ऑटो-लॉगआउट होगा, जिसे क्यूआर कोड स्कैन करके दोबारा लॉग-इन किया जा सकेगा। निर्देश के अनुसार, सभी प्लेटफॉर्म्स को 90 दिनों में इन नियमों का पालन करना होगा और 120 दिनों में विस्तृत अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।

निर्देश में कहा गया है कि केंद्र सरकार को टेलीकॉम साइबर सिक्योरिटी को खतरे में डालने वाले कामों की पहचान करने और रिपोर्ट करने के लिए आवश्यक डिजिटल या अन्य तरीके विकसित करने का अधिकार है, इसलिए दूरसंचार विभाग ने संचार साथी ऐप शुरू किया है। यह स्टेकहोल्डर्स को आईएमईआई से जुड़े संदिग्ध गलत इस्तेमाल की रिपोर्ट करने और मोबाइल डिवाइस में इस्तेमाल होने वाले आईएमईआई की वास्तविकता की पुष्टि करने में मदद करता है।

निर्देश में कहा गया है कि डुप्लीकेट या नकली आईएमईआई वाले मोबाइल हैंडसेट टेलीकॉम साइबर सिक्योरिटी के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं। इसलिए केंद्र सरकार भारत में उपयोग के लिए बनाए गए या आयात किए गए मोबाइल हैंडसेट के हर निर्माता और आयातक को निर्देश देती है कि 90 दिनों के भीतर यह सुनिश्चित करें कि संचार साथी मोबाइल एप्लिकेशन, भारत में उपयोग के लिए बनाए गए या आयात किए गए सभी मोबाइल हैंडसेट पर पहले से इंस्टॉल हो।

इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि पहले से इंस्टॉल किया गया संचार साथी एप्लिकेशन पहली बार उपयोग करने या डिवाइस सेटअप करते समय उपयोगकर्ताओं को स्पष्ट रूप से दिखे और इसे बंद या अनइंस्टॉल नहीं किया जा सके।

Point of View

ताकि नागरिकों की स्वतंत्रता और सुरक्षा दोनों की रक्षा हो सके।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

संचार साथी ऐप क्या है?
संचार साथी ऐप एक सरकारी ऐप है जो मोबाइल हैंडसेट की आईएमईआई की वास्तविकता की पुष्टि करता है।
क्या यह ऐप हटाया जा सकता है?
नहीं, यह ऐप प्री-लोडेड है और इसे हटाया नहीं जा सकता।
इस निर्देश का क्या प्रभाव पड़ेगा?
यह निर्देश नागरिकों की निजता पर प्रभाव डाल सकता है और सरकार के निगरानी उपायों को बढ़ा सकता है।
क्यों यह निर्देश असंवैधानिक है?
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल के अनुसार, यह निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है।
इस निर्देश के अनुपालन की समय सीमा क्या है?
सभी प्लेटफॉर्म्स को 90 दिनों में अनुपालन करना होगा।
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