क्या संचार साथी ऐप के जरिए सरकार जासूसी कर रही है?

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क्या संचार साथी ऐप के जरिए सरकार जासूसी कर रही है?

सारांश

संचार साथी ऐप को लेकर सरकार के हालिया निर्देश ने विपक्ष को आक्रामक बना दिया है। जानें विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रियाएं और ऐप की वास्तविक मंशा क्या हो सकती है। क्या यह वास्तव में नागरिकों की प्राइवेसी के लिए खतरा है?

Key Takeaways

  • संचार साथी ऐप नागरिकों की प्राइवेसी पर सवाल उठाता है।
  • विपक्ष ने सरकार के खिलाफ तीखे हमले किए हैं।
  • मंत्री ने ऐप को हटाने का अधिकार दिया है।
  • इस ऐप को लेकर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।
  • क्या यह ऐप वास्तव में साइबर सुरक्षा प्रदान करता है?

नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने संचार साथी ऐप को सभी मोबाइल फोन में पहले से इंस्टॉल करने का निर्देश जारी किया है। इस कदम पर विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला किया है। इसके बाद, मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति ऐप को हटाना चाहता है, तो वह ऐसा कर सकता है। इस मुद्दे पर विपक्ष के कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं।

सीपीआई (एम) सांसद जॉन ब्रिटास ने कहा कि देश अब निगरानी रखने वाले देशों की सूची में शामिल हो रहा है। सरकार का यह कदम नागरिकों की निजी जानकारी पर खतरा डाल सकता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई इस ऐप को हटाना चाहता है, तो उसे यह अधिकार होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ऐप को डाउनलोड करना और हटाना उपयोगकर्ता की स्वतंत्रता पर निर्भर होना चाहिए।

कांग्रेस सांसद सप्तगिरी शंकर उलाका ने नोटिफिकेशन की भाषा पर सवाल उठाया है, जिसमें कहा गया है कि ऐप दिखना चाहिए और इसे हटाया नहीं जा सकता। उन्होंने सरकार की मंशा पर शंका व्यक्त करते हुए कहा कि यह निगरानी रखने का एक तरीका हो सकता है।

कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाया और कहा कि मंत्री की सफाई को ध्यान में रखते हुए, यह स्पष्ट होना चाहिए कि इसे अनिवार्य क्यों बनाया गया है। उन्होंने इसे जासूसी का एक तरीका कहा।

कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि सरकार ने बिना किसी जानकारी के यह निर्णय लिया है। अगर यह ऐप नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारियों से जुड़ा है, तो सरकार को लोगों को विश्वास में लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मोबाइल अब एक व्यक्तिगत स्थान बन चुका है और इसके साथ छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए।

टीएमसी सांसद डोला सेन ने कहा कि पिछले 14 वर्षों में इसी तरह की घटनाएं देखी जा रही हैं और यह सरकार की असली मंशा को दर्शाती हैं।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद मोहम्मद रमजान ने कहा कि इस ऐप की कोई आवश्यकता नहीं है, यह लोगों की प्राइवेसी के लिए खतरा है।

Point of View

बल्कि नागरिकों की प्राइवेसी पर भी गंभीर चिंताएं पैदा करती है। सरकार को इस ऐप के पीछे की मंशा को स्पष्ट करना चाहिए और नागरिकों के अधिकारों का सम्मान करना चाहिए।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

संचार साथी ऐप क्या है?
संचार साथी ऐप एक सरकारी ऐप है जिसे सभी फोन में इंस्टॉल करने का निर्देश दिया गया है, इसका उद्देश्य साइबर सुरक्षा बताया गया है।
क्या इस ऐप को हटाना संभव है?
हां, मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि जो चाहें, इस ऐप को हटा सकते हैं।
विपक्ष इस ऐप पर क्या आरोप लगा रहा है?
विपक्ष का कहना है कि यह ऐप जासूसी का एक तरीका हो सकता है और इससे नागरिकों की प्राइवेसी का उल्लंघन हो सकता है।
क्या सरकार को इस ऐप के लिए लोगों से सहमति लेनी चाहिए?
हां, विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को इस ऐप के उपयोग के लिए नागरिकों की सहमति लेनी चाहिए।
क्या यह ऐप साइबर सुरक्षा प्रदान करता है?
सरकार का दावा है कि यह ऐप साइबर सुरक्षा के लिए बनाया गया है, लेकिन इसकी आवश्यकता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
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