क्या 'वंदे मातरम' पर संसद में चर्चा हुई? केंद्रीय मंत्रियों ने पीएम मोदी के भाषण की सराहना की

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क्या 'वंदे मातरम' पर संसद में चर्चा हुई? केंद्रीय मंत्रियों ने पीएम मोदी के भाषण की सराहना की

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वंदे मातरम' पर भाषण ने संसद में चर्चा को जन्म दिया। केंद्रीय मंत्रियों ने उनके विचारों की प्रशंसा की, जबकि राहुल गांधी की अनुपस्थिति पर सवाल उठाए गए। जानिए इस महत्वपूर्ण चर्चा के बारे में और क्या कहा गया।

Key Takeaways

  • 'वंदे मातरम' भारतीय संस्कृति का प्रतीक है।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने इसके इतिहास पर चर्चा की।
  • केंद्रीय मंत्रियों ने भाषण की सराहना की।
  • राहुल गांधी की अनुपस्थिति पर सवाल उठाए गए।
  • यह गीत आज भी प्रेरणा देता है।

दिल्ली, ८ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के नेताओं ने 'वंदे मातरम' को लेकर लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की सराहना की। केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सामने 'वंदे मातरम' का संपूर्ण इतिहास प्रस्तुत किया है।

केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "आजादी की लड़ाई के दौरान, 'वंदे मातरम' का नारा और यह गाना ताकत व प्रेरणा का एक महत्वपूर्ण साधन बन गया था। इसने लोगों को अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने की हिम्मत दी। सोमवार को 'वंदे मातरम' का पूरा इतिहास देश के सामने रखते हुए पीएम मोदी ने महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख किया।"

हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के दौरान सदन में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की अनुपस्थिति पर रामदास आठवले ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी को 'वंदे मातरम' पर चर्चा की शुरुआत और प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के दौरान मौजूद रहना चाहिए। उन्हें ऐसी चर्चाओं को लेकर गंभीर रहना चाहिए था, लेकिन उन्होंने लोकतंत्र व 'वंदे मातरम' का अपमान किया है।"

वहीं, केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ​​ने कहा, "'वंदे मातरम' भारत की अस्मिता का प्रतीक है। 'वंदे मातरम' वह गीत है, जिसने पूरे देश में क्रांति की अलख जलाई थी।"

उन्होंने कहा, "'वंदे मातरम' वह गीत है, जो भारत के स्वाधीनता संग्राम में हिस्सा लेने वाले देशभक्तों के लिए ऊर्जा का प्रतीक बना। जब भारत 'विकसित राष्ट्र' की ओर बढ़ रहा है, उस समय 'वंदे मातरम' देश की समृद्धि का प्रतीक बन रहा है।"

भाजपा सांसद वीडी शर्मा ने कहा, "'वंदे मातरम' गीत भारत की आजादी और उसकी स्वाधीनता का मंत्र है। यह 'वंदे मातरम' गीत को लेकर हर व्यक्ति के अंदर देशभक्ति का जज्बा है। 'वंदे मातरम' के १५० साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की संसद में इस पर चर्चा शुरू की। प्रधानमंत्री ने कहा कि 'वंदे मातरम' एक ऐसा मंत्र है जिसके आधार पर क्रांतिकारियों और देश के युवाओं ने बलिदान देकर आजादी दिलाई।"

सांसद साक्षी महाराज ने 'वंदे मातरम' गीत को भारत की आत्मा बताते हुए कहा, "देश की आजादी की लड़ाई इसी गीत के आधार पर लड़ी गई थी। आज, प्रधानमंत्री मोदी का भाषण सुनकर मैं बहुत भावुक हो गया, मेरी आंखों में आंसू आ गए और हृदय गदगद था। प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने पूरे सदन और पूरे राष्ट्र के सामने 'वंदे मातरम' गीत का वर्णन किया।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि 'वंदे मातरम' केवल एक गीत नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक है। संसद में इसकी चर्चा महत्वपूर्ण है, लेकिन नेताओं की अनुपस्थिति चिंता का विषय है। इस तरह की चर्चाएँ हमारे लोकतंत्र की मजबूती को दर्शाती हैं।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

क्यों 'वंदे मातरम' महत्वपूर्ण है?
यह गीत भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक है और देशभक्ति का जज्बा जगाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?
उन्होंने 'वंदे मातरम' का इतिहास और इसके महत्व पर प्रकाश डाला।
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