क्या तेज आर्थिक विकास के लिए सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण आवश्यक है?

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क्या तेज आर्थिक विकास के लिए सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण आवश्यक है?

सारांश

जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने आर्थिक विकास और युवा पीढ़ी की भागीदारी को जोड़ते हुए, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के महत्व पर प्रकाश डाला। यह संदेश समाज के सभी वर्गों के लिए प्रेरणादायक है।

Key Takeaways

  • सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है।
  • युवा पीढ़ी को सांस्कृतिक परंपराओं से जोड़ना महत्वपूर्ण है।
  • सामुदायिक भागीदारी से शासन में सुधार संभव है।
  • निस्वार्थ सेवा से समाज का विकास होता है।
  • सरकारी योजनाओं का लाभ हर किसान तक पहुँचाना चाहिए।

जम्मू, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया।

उन्होंने कहा कि तेज आर्थिक विकास के लिए सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। उपराज्यपाल ने बताया कि सांस्कृतिक परंपराओं, कलाओं, शिल्पों और रीति-रिवाजों को युवा पीढ़ी तक पहुँचाने में सांस्कृतिक-आध्यात्मिक कार्यक्रम और कौशल विकास में सक्रिय भागीदारी एक महत्वपूर्ण साधन हो सकती है।

जम्मू जिले के मढ़ उप-मंडल में वार्षिक झिड़ी मेला के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि जवाबदेही को बढ़ावा देने, सेवा वितरण में सुधार लाने, और नागरिकों की आवश्यकताओं को समझकर नई नीतियों का निर्माण करने के लिए शासन में सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।

इस मौके पर उपराज्यपाल ने बाबा जित्तो और बुआ कोड़ी को नमन किया। उन्होंने कहा कि बाबा जित्तो साम्प्रदायिक भेदभाव से ऊपर उठकर जन कल्याण के एक सार्वभौमिक प्रतीक हैं। उनके सत्य, अहिंसा और भाईचारे के मूल्य समाज को मजबूत करते हैं और झिड़ी मेले को बहुसंस्कृतिवाद और सामाजिक सद्भाव का उत्सव बनाते हैं। उन्होंने कहा कि बाबा जित्तो को सच्ची श्रद्धांजलि यही है कि सरकारी योजनाओं का लाभ हर किसान तक पहुंचे।

उपराज्यपाल ने लोगों से निस्वार्थ सेवा का मार्ग अपनाने और बाबा जित्तो के सपनों के न्यायपूर्ण और समतापूर्ण समाज के निर्माण के लिए काम करने का संकल्प लेने का आह्वान किया। उन्होंने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों और व्यापारियों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया।

उपराज्यपाल ने कहा कि हम सब मिलकर एक मजबूत, सुरक्षित, समृद्ध और आत्मनिर्भर जम्मू कश्मीर का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने जम्मू कश्मीर के कृषक समुदाय के समाज में योगदान के लिए भी प्रशंसा की और उनके कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

इस अवसर पर उपराज्यपाल ने एक तीर्थयात्री सामुदायिक भवन और 4 मॉड्यूलर बस स्टॉप का लोकार्पण किया और मढ़ उप-मंडल में कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के अंतर्गत पहले 'इनडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स' की आधारशिला भी रखी।

Point of View

बल्कि यह आर्थिक विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण घटक है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का यह विचार दर्शाता है कि जब समाज सभी वर्गों को शामिल करता है, तो विकास की संभावनाएँ बढ़ती हैं।
NationPress
04/11/2025

Frequently Asked Questions

सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण क्यों जरूरी है?
सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण आर्थिक विकास, सामाजिक सद्भाव और युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
मनोज सिन्हा ने क्या कहा?
उन्होंने सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण को तेज आर्थिक विकास के लिए आवश्यक बताया।