क्या संविधान संशोधन बिल राजनीति में नैतिकता का मापदंड स्थापित करेगा?: ज्योतिरादित्य सिंधिया

सारांश
Key Takeaways
- संविधान संशोधन बिल का उद्देश्य राजनीति में नैतिकता को मजबूत करना है।
- मंत्री को गंभीर अपराध में दोषी होने पर इस्तीफा देना होगा।
- सिंधिया ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की जानकारी दी।
- ग्वालियर में पर्यटन और रोजगार के नए अवसर विकसित होंगे।
- सरकार सभी विकास कार्यों को समय पर पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
ग्वालियर, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय संचार मंत्री और गुना से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को ग्वालियर में संविधान संशोधन के नए बिल का समर्थन किया।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए सिंधिया ने कहा कि यह बिल राजनीति में नैतिकता के मानक स्थापित करने की दिशा में प्रधानमंत्री मोदी की एक महत्वपूर्ण पहल है। इस बिल के अनुसार, यदि कोई मंत्री गंभीर अपराध में दोषी पाया जाता है, तो उसे 30 दिनों की जेल के बाद अपने पद से इस्तीफा देना होगा। हालांकि, विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध किया है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने विपक्ष से इस बिल का समर्थन करने की अपील की और कहा कि यह भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कार्रवाई को मजबूत करेगा, जो भ्रष्टाचार के बावजूद अपने पदों पर बने रहते हैं।
सिंधिया ने कहा कि संसद सत्र समाप्त होने के बाद वे ग्वालियर आए हैं और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि गवर्नमेंट बाढ़ प्रभावित लोगों के पुनर्वास और राहत के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करेगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बातचीत के बाद राहत कार्य शुरू हो चुके हैं।
उन्होंने ग्वालियर में आधुनिक हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन के निर्माण को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया।
सिंधिया ने कहा कि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। रेल, सड़क और वायु मार्ग के विकास से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
उन्होंने शंकरपुर के नवीन स्टेडियम में करोड़ों की लागत से दर्शक दीर्घा विस्तार कार्य की प्रगति का भी उल्लेख किया। सरकार सभी परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।