क्या एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की पुतिन और जिनपिंग के साथ अहम मुलाकात हुई?

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क्या एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की पुतिन और जिनपिंग के साथ अहम मुलाकात हुई?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान पुतिन और जिनपिंग के साथ महत्वपूर्ण विचार-विमर्श किया। यह मुलाकात क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और वैश्विक स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। जानिए इस सम्मेलन का महत्व और मोदी की चीन यात्रा के बारे में।

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन और जिनपिंग के साथ महत्वपूर्ण विचार-विमर्श किया।
  • एससीओ सम्मेलन का ध्यान आतंकवाद और उग्रवाद पर है।
  • भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी बनी हुई है।
  • यह मोदी की सात साल में पहली चीन यात्रा है।
  • क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का यह एक महत्वपूर्ण अवसर है।

तियानजिन, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ दिखाई दिए।

पीएम मोदी ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक फोटो साझा कर इस महत्वपूर्ण मुलाकात की जानकारी दी।

उन्होंने लिखा, "तियानजिन में बातचीत का सिलसिला जारी है। एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति शी के साथ विचार-विमर्श किया।"

इसके अलावा, पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन के साथ हुई मुलाकात की तस्वीर भी साझा की। उन्होंने लिखा, "राष्ट्रपति पुतिन से मिलना हमेशा खुशी की बात है।"

यह ध्यान देने योग्य है कि प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को चीन के तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक मुलाकात है जिसमें क्षेत्रीय शक्तियों का समावेश है।

एससीओ शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित प्रमुख क्षेत्रीय नेता भाग लेंगे। इस वैश्विक अनिश्चितता के दौर में क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति शी और राष्ट्रपति पुतिन एक मंच पर उपस्थित रहेंगे।

इसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच द्विपक्षीय बैठक भी होने वाली है। भारत और रूस के बीच वैश्विक तनावों के बावजूद रणनीतिक और ऊर्जा क्षेत्र में करीबी साझेदारी बनी हुई है।

एससीओ शिखर सम्मेलन का मुख्य ध्यान आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद जैसी 'तीन बुराइयों' से निपटने पर रहेगा, जो संगठन की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य है।

सोमवार को एक समझौता हस्ताक्षर समारोह भी आयोजित होगा, जिसके बाद नेताओं का एक संयुक्त बयान जारी किया जाएगा।

यह प्रधानमंत्री मोदी की सात साल में पहली चीन यात्रा है, और यह ऐसे समय हो रही है जब भारत और चीन लंबे सीमा विवाद के बाद अपने रिश्तों को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा और एससीओ शिखर सम्मेलन में भागीदारी भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। वैश्विक तनावों के बीच, क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। यह बातचीत भारत की कूटनीतिक स्थिति को सुदृढ़ करने और क्षेत्रीय स्थिरता को सुनिश्चित करने में मदद करेगी।
NationPress
01/09/2025

Frequently Asked Questions

एससीओ शिखर सम्मेलन में क्या मुख्य मुद्दे उठाए गए?
एससीओ शिखर सम्मेलन में आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद पर चर्चा हुई, जो संगठन की स्थापना के प्रमुख उद्देश्यों में से हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा का महत्व क्या है?
यह यात्रा भारत और चीन के बीच संबंधों को सुधारने और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।