क्या यूपी के शाहजहांपुर जेल में महिलाओं ने राखी बांधकर भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत किया?

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क्या यूपी के शाहजहांपुर जेल में महिलाओं ने राखी बांधकर भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत किया?

सारांश

शाहजहांपुर जेल में रक्षाबंधन के अवसर पर एक अनूठा दृश्य देखने को मिला, जहां बहनों ने अपने बंदी भाइयों को राखी बांधी। मुस्लिम महिलाओं ने भी इस भावनात्मक कार्यक्रम में सक्रिय भाग लिया। जानिए इस खास मौके पर जेल प्रशासन की विशेष व्यवस्थाओं के बारे में।

Key Takeaways

  • रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है।
  • शाहजहांपुर जेल में विशेष व्यवस्थाएं की गई थीं।
  • मुस्लिम महिलाओं ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।
  • जेल प्रशासन ने सभी बहनों को खुश रखने का प्रयास किया।
  • 700 से अधिक बहनों ने अपने भाइयों से मुलाकात की।

शाहजहांपुर, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। रक्षाबंधन का पर्व आज पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है, जिसमें भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक देखा जा रहा है। इस अवसर पर शाहजहांपुर जेल में एक भावुक दृश्य देखने को मिला, जहां सुबह से बहनें अपने बंदी भाइयों को राखी बांधने के लिए पहुंचने लगीं। इस खास मौके के लिए जेल प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए थे। इस दौरान कई मुस्लिम महिलाओं ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया। जेल प्रशासन ने पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए उचित व्यवस्था की थी।

सुबह से ही सभी अधिकारी, कर्मचारी और पुलिस बल जेल के अंदर-बाहर तैनात थे। वरिष्ठ जेल अधीक्षक मिजाजीलाल ने बताया कि शाहजहांपुर जेल में रक्षाबंधन का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई थीं। बहनें अपने भाइयों से मिलने और उन्हें रक्षा सूत्र बांधने के लिए बेताब नजर आईं। उन्होंने आश्वासन दिया कि जब तक बहनें आती रहेंगी, उनकी मुलाकात कराई जाएगी। कोई भी बहन मायूस होकर नहीं लौटेगी।

जेल प्रशासन ने उन बंदियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए, जिनकी बहनें नहीं आ पाईं। ऐसे बंदियों को ब्रह्माकुमारी संस्था की पदाधिकारियों ने राखी बांधी। जेल अधीक्षक ने बताया कि जो बहनें राखी और मिठाई लेकर नहीं आईं, उनके लिए जेल प्रशासन ने सभी व्यवस्थाएं की हैं। इस मौके पर बहनें अपने भाइयों से मिलकर भावुक हो गईं और शीघ्र रिहाई की प्रार्थना की। इस दौरान अनेक मुस्लिम महिलाएं भी आईं और उन्होंने अपने भाइयों को राखी बांधकर जल्द छूटने की कामना की। अब तक लगभग 700 बहनें मुलाकात कर चुकी हैं।

इस अवसर पर पूरी अनुशासन के साथ कतार में खड़े होकर राखी का यह पर्व मनाया गया। अधीक्षक ने बताया कि मुलाकात के लिए 25 से 50 बहनों को एक टोली में मिलवाया गया। सभी बहनों ने जेल में की गई व्यवस्था की सराहना की। यह मुलाकात कार्यक्रम तब तक जारी रहेगा जब तक बहनें आती रहेंगी। उन्होंने कहा कि आज के दिन किसी भी बहन को मायूस होकर बिना मुलाकात के नहीं लौटना पड़ेगा और किसी भी भाई की कलाई सूनी नहीं रहने दी जाएगी। जिन भाइयों की बहनें नहीं हैं, उन्हें ब्रह्माकुमारी बहनों ने रक्षा सूत्र बांधकर उनका मुंह मीठा कराया।

जेल प्रशासन ने आने वाले सभी मेहमानों के लिए शरबत की व्यवस्था की थी। जो बहनें राखी या मिठाई नहीं लाईं, उनके लिए प्रशासन ने ये सामग्री उपलब्ध कराई। सभी बहनों ने जेल में की गई व्यवस्था की सराहना की।

Point of View

यह घटना समाज में भाई-बहन के रिश्ते की गहराई और विविधता को दर्शाती है। रक्षाबंधन का पर्व न सिर्फ भारतीय संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि यह एकता और सामंजस्य का भी संदेश देता है।
NationPress
09/08/2025

Frequently Asked Questions

रक्षाबंधन का पर्व कब मनाया जाता है?
रक्षाबंधन का पर्व हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
शाहजहांपुर जेल में इस बार रक्षाबंधन कैसे मनाया गया?
इस बार शाहजहांपुर जेल में बहनों ने अपने बंदी भाइयों को राखी बांधने के लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
क्या मुस्लिम महिलाएं भी रक्षाबंधन मनाने आईं?
हाँ, इस कार्यक्रम में मुस्लिम महिलाओं ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया।