क्या 'मुख्यमंत्री उद्यमी योजना' से शेखपुरा के युवा आत्मनिर्भर हो रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री उद्यमी योजना युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक है।
- युवाओं ने अपने व्यवसाय शुरू कर रोजगार के अवसर पैदा किए हैं।
- 10 लाख रुपये का लोन युवा उद्यमियों के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा है।
- युवाओं को अपनी कौशल को निखारने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
- आर्थिक सशक्तिकरण के लिए यह योजना एक बड़ा कदम है।
शेखपुरा, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार सरकार लोगों को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए अनेक योजनाएं लागू कर रही है। उद्योग विभाग द्वारा प्रस्तुत विभिन्न योजनाओं के माध्यम से न केवल युवा, बल्कि सभी आयु वर्ग के लोग अपने सपनों को साकार कर रहे हैं।
युवाओं के लिए 'मुख्यमंत्री उद्यमी योजना' और 'बिहार लघु उद्यमी योजना' जैसी योजनाएं न केवल उनके सपनों को उड़ान दे रही हैं, बल्कि उन्हें घर की जिम्मेदारियां उठाने और दूसरों को रोजगार देने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
शेखपुरा जिले के चेवाड़ा प्रखंड के वीरेंद्र चौधरी और सूरज कुमार ने अपने घर की परिस्थितियों को देखते हुए अपने व्यवसाय की शुरूआत करने का निर्णय लिया। उन्हें मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के बारे में जानकारी मिली, जिसके बाद उन्होंने आवेदन किया और उनका चयन भी हो गया। योजना के तहत 10 लाख रुपये की सहायता लेकर वीरेंद्र चौधरी ने जूता निर्माण का एक छोटा सा प्लांट स्थापित किया, जबकि सूरज कुमार ने एक रेस्टोरेंट खोला। आज वे अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक चला रहे हैं और कई अन्य लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं।
सूरज कुमार ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि वे पहले बेरोजगार थे। उन्होंने बीकॉम की पढ़ाई की थी और नौकरी की तलाश कर रहे थे। उनके एक दोस्त ने बताया कि 'मुख्यमंत्री उद्यमी योजना' के तहत 10 लाख रुपये का सरकारी अनुदान मिल रहा है। इस जानकारी के बाद सूरज कुमार ने उद्यमी ऑफिस जाकर लोन के लिए आवेदन किया। कुछ दिनों बाद उनका लोन अप्रूव हो गया। अब वे अपने रेस्टोरेंट के माध्यम से अपने परिवार का जीवनयापन कर रहे हैं और दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से लोन की राशि बढ़ाने का अनुरोध किया है।
जूता निर्माता वीरेंद्र चौधरी ने बताया कि वे पहले हरियाणा में काम कर चुके थे। जब वे यहां आए, तब उन्हें पता चला कि बिहार में रोजगार के लिए लोन उपलब्ध हैं।
उन्होंने 'मुख्यमंत्री उद्यमी योजना' के लिए आवेदन किया और 10 लाख रुपये का लोन हासिल किया। इस राशि से उन्होंने जूता निर्माण का व्यापार शुरू किया और अनेक लोगों को रोजगार दिया। वे अपने सपनों को अपने प्रदेश में साकार करने को लेकर खुश हैं।
हालांकि, वीरेंद्र चौधरी ने कहा कि उन्हें कुछ मशीनों की कमी के कारण ब्रांडेड कंपनियों की तरह जूते बनाने में कठिनाई हो रही है। फिर भी, उन्होंने विभाग से अनुरोध किया है और डीएम ने आश्वासन दिया है कि इस पर विचार किया जाएगा। अब वे अपने कारोबार में 10 लोगों को जोड़ चुके हैं और भविष्य में औरों को भी जोड़ने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने युवाओं से अपील की है कि वे अपने कौशल को अपने प्रदेश में निखारें।