क्या हर परिस्थिति में सनातन धर्म के प्रति समर्पण का भाव श्रीमद्भागवत कथा का वास्तविक मर्म है?

Key Takeaways
- सनातन धर्म का महत्व
- भक्ति और ज्ञान का मार्ग
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विचार
- कथा का सांस्कृतिक महत्व
- समर्पण का भाव
हर परिस्थिति में सनातन धर्म के प्रति समर्पण का भाव ही श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का असली मर्म है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में आयोजित एक समारोह में यह बात कही। उन्होंने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा जीवन का ज्ञान, भक्ति और मुक्ति का मार्ग दिखाती है। इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने महंत दिग्विजयनाथ जी की 56वीं और महंत अवेद्यनाथ जी की 11वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने उल्लेख किया कि यह कथा स्वामी शुकदेव जी द्वारा 5000 वर्ष पहले महाराजा परीक्षित को सुनाई गई थी। भारत की ऋषि परंपरा का उद्धरण देते हुए उन्होंने कहा कि मनुष्य रूप में जन्म लेना एक दुर्लभ अवसर है। कथा का मुख्य संदेश है कि हमें हमेशा अपने धर्म और देश के प्रति अडिग रहना चाहिए। इस दौरान, स्वामी रामदिनेशाचार्य जी की भी सराहना की गई, जिन्होंने सरलता से कथा का श्रवण कराया। अंत में, मुख्यमंत्री ने सभी उपस्थित श्रद्धालुओं के साथ मिलकर कथा का समापन किया।