क्या सिंधिया ने निर्मला सीतारमण से मुलाकात की? पूंजीगत निवेश पर हुई व्यापक चर्चा

सारांश
Key Takeaways
- डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास प्राथमिकता है।
- बीएसएनएल को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
- डाक विभाग का आधुनिकीकरण हो रहा है।
- पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
- सरकार समावेशी और सतत विकास को प्राथमिकता दे रही है।
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दूरसंचार विभाग, डाक विभाग और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ, नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त मंत्रालय के उच्च अधिकारियों को वित्त वर्ष 2025–26 के लिए तीनों विभागों की पूंजीगत व्यय प्राथमिकताओं और मध्यावधि योजना (वित्त वर्ष 2030 तक) के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को तेज करना, संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को सुधारना और वित्तीय अनुशासन के माध्यम से देश की विकास संरचना को सशक्त बनाना था। केंद्रीय वित्त मंत्री ने मंत्रालयों की सुधारात्मक नीतियों की सराहना की और विभागीय तालमेल की आवश्यकता को प्रमुखता दी।
दूरसंचार विभाग ने ‘आत्मनिर्भर 2025–2030’ के तहत बीएसएनएल के आत्मनिर्भर बनने और वित्तीय सुधार के रोडमैप को प्रस्तुत किया। इस प्रस्तुति में बीएसएनएल की 17 वर्षों के बाद परिचालन लाभ प्राप्ति, स्वदेशी 4जी नेटवर्क विस्तार और वित्तीय संकेतकों में स्थिर सुधार को उजागर किया गया।
भविष्य में निवेश की प्राथमिकताओं में 4जी और 5जी नेटवर्क विस्तार, इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल सिस्टम का आधुनिकीकरण, तथा भूमि मोनेटाइजेशन पहलों को तेज करना शामिल है, ताकि दूरसंचार क्षेत्र में आर्थिक स्थिरता और प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता सुनिश्चित की जा सके। विभाग ने यह भी बताया कि इन सुधारों का लक्ष्य दशक के अंत तक बीएसएनएल को लाभांश देने वाली और आत्मनिर्भर संस्था बनाना है।
बैठक में डाक विभाग ने अपने आधुनिकीकरण और रूपांतरण रोडमैप को प्रस्तुत किया, जिसमें डाक विभाग को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर लॉजिस्टिक्स और वित्तीय सेवा संगठन में बदलने पर जोर दिया गया। प्रमुख पहलों में स्वचालित पार्सल हब्स का निर्माण, 25,000 डाकघरों और 1,600 कर्मचारी कॉलोनियों का आधुनिकीकरण, और डिजिटल भुगतान प्रणालियों का एकीकरण शामिल है, ताकि नागरिकों को सहज सेवा प्रदान की जा सके।
विभाग ने संचालन दक्षता बढ़ाने, सेवा मानकों को सुधारने और अंतिम-मील कनेक्टिविटी मजबूत करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रक्रिया सुधारों पर भी जोर दिया। इन पहलों का उद्देश्य भारतीय डाक विभाग को लॉजिस्टिक्स क्षेत्र का अग्रणी संगठन बनाना है, जो भारत की बढ़ती ई-कॉमर्स, निर्यात और वित्तीय समावेशन आवश्यकताओं को पूरी तरह पूरा कर सके।
केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने 16वीं वित्त आयोग के लिए अपनी पूंजीगत निवेश की प्राथमिकताओं और प्रस्तावित आवंटन को प्रस्तुत किया, जिसमें क्षेत्र की मजबूत परियोजना निष्पादन रिकॉर्ड और उच्च फंड अवशोषण क्षमता को उजागर किया गया।
मंत्रालय ने नई पहलों जैसे उन्नति योजना (औद्योगिक विकास के लिए), बैंकर्स कॉन्क्लेव से वित्तीय समावेशन उपाय, और ‘ब्रांड नॉर्थईस्ट’ कार्यक्रम (जिसमें प्रत्येक राज्य के विशिष्ट उत्पाद और उद्योग ‘वोकल फॉर लोकल, लोकल टू ग्लोबल' के दृष्टिकोण के तहत प्रमोट किए जाते हैं) की रूपरेखा पेश की।
केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ इस बैठक में परिणाम-आधारित शासन सुधार, डिजिटल निगरानी प्रणाली और समन्वित योजना पर विशेष जोर दिया गया, ताकि पूर्वोत्तर भारत देश के सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक के रूप में नेतृत्व करता रहे।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तीनों विभागों की साझा प्रतिबद्धता को दोहराया, जो भारत को सुदृढ़ और भविष्य-दृष्टि वाले देश के रूप में बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संचार, लॉजिस्टिक्स और क्षेत्रीय विकास भारत की विकास कहानी की रीढ़ हैं, जो सभी क्षेत्रों में पहुंच, दक्षता और समानता सुनिश्चित करते हैं।
उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार डिजिटल रूप से सशक्त, क्षेत्रीय रूप से संतुलित और आत्मनिर्भर भारत बनाने पर केंद्रित है, जो समावेशी और सतत विकास का आदर्श प्रस्तुत करता है।