क्या इंदिरा गांधी एक दयालु नेता थीं, जो मानवाधिकारों के प्रति प्रतिबद्ध थीं?: सोनिया गांधी

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क्या इंदिरा गांधी एक दयालु नेता थीं, जो मानवाधिकारों के प्रति प्रतिबद्ध थीं?: सोनिया गांधी

सारांश

सोनिया गांधी ने इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके मानवाधिकारों के प्रति अडिग प्रतिबद्धता और दयालुता की चर्चा की। उन्होंने चिली की पूर्व राष्ट्रपति मिशेल बैचलेट को सम्मानित किया, जो समानता और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए जानी जाती हैं। इस अवसर पर इंदिरा गांधी की विरासत को भी याद किया गया।

Key Takeaways

  • इंदिरा गांधी का योगदान आज भी प्रासंगिक है।
  • सोनिया गांधी ने मानवाधिकारों की दिशा में दृढ़ प्रतिबद्धता का उल्लेख किया।
  • मिशेल बैचलेट ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया।
  • इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार का महत्व।
  • अहिंसा और समानता को बढ़ावा देने का संदेश।

नई दिल्ली, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने बुधवार को इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें एक दयालु हृदय, लोगों के प्रति गहरे प्रेम, मानवाधिकारों के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता और अहिंसा में अटूट विश्वास रखने वाली नेता बताया।

सोनिया गांधी ने कहा कि भारत की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री के रूप में इंदिरा गांधी ने गरीबी, अभाव, संघर्ष और असमानता को कम करने के लिए समर्पित नीतियों से हमारे देश का कायाकल्प किया।

इस दौरान सोनिया गांधी ने चिली की पूर्व राष्ट्रपति और संयुक्त राष्ट्र की पूर्व मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैचलेट को 2024 का इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण और विकास पुरस्कार प्रदान किया।

इस अवसर पर सोनिया गांधी ने बैचलेट की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके राष्ट्रपति कार्यकाल में चिली की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार हुआ, प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हुआ, कमजोर आबादी पर केंद्रित नीतियां बनाई गईं, और स्वास्थ्य एवं कल्याण के अधिकारों को बढ़ावा दिया गया। बैचलेट के कार्यकाल में बनाए गए कानूनों ने समानता, अधिकारों और स्वतंत्रता को बढ़ावा देने में मदद की।

इंदिरा गांधी स्मारक ट्रस्ट की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बैचलेट को मानवाधिकारों और अहिंसा के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता वाली एक दयालु नेता बताते हुए कहा कि इंदिरा की विरासत आज भी कई लोगों को प्रेरित करती है।

वहीं, बैचलेट ने पुरस्कार के लिए गहरा आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शांति और प्रगति मानवीय गरिमा से अविभाज्य हैं। उन्होंने कहा कि मानवीय अधिकारों के अभाव में सम्पूर्ण मानव विकास असंभव है।

चिली की पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, "आइए हम सभी देशों, पीढ़ियों और मतभेदों के बावजूद मिलकर काम करके इंदिरा गांधी के चिरस्थायी दृष्टिकोण का सम्मान करें ताकि सभी के लिए शांति, समानता और सम्मान को वास्तविकता बनाया जा सके।"

इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार की शुरुआत 1985 में की गई थी, जिसका उद्देश्य सामाजिक विकास, शांति, स्थिरता और कई अन्य क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं, पुरुषों और संस्थानों का सम्मान करके इंदिरा गांधी के अभूतपूर्व योगदान को याद करना है।

Point of View

बल्कि मानवाधिकार और अहिंसा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी उजागर करती हैं, जो आज भी समाज के लिए प्रेरणादायक है।
NationPress
19/11/2025

Frequently Asked Questions

इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि देने का मुख्य कारण क्या था?
इंदिरा गांधी की मानवाधिकारों और अहिंसा के प्रति प्रतिबद्धता को मान्यता देने के लिए श्रद्धांजलि दी गई।
मिशेल बैचलेट को पुरस्कार क्यों दिया गया?
बैचलेट को स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार और मानवाधिकारों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए सम्मानित किया गया।
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