क्या मध्य प्रदेश के सोयाबीन किसानों को भावान्तर योजना का लाभ मिला?
सारांश
Key Takeaways
- भावान्तर योजना के तहत किसानों को वित्तीय सहायता मिलती है।
- सरकार ने 233 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की है।
- किसानों ने सीएम मोहन यादव का आभार व्यक्त किया है।
- यह योजना किसानों की समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।
- किसान अब अपनी फसल की सही कीमत प्राप्त कर रहे हैं।
बुरहानपुर, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के देवास जिले से मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को सोयाबीन किसानों के साथ किए गए वादे के अनुसार, लगभग 1 लाख 33 हजार किसानों के बैंक खातों में 'भावान्तर योजना' के तहत 233 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की समृद्धि के लिए निरंतर प्रयासरत है।
इस योजना का लाभ बुरहानपुर जिले के किसानों को भी मिला है, जिससे उनमें खुशी की लहर है। अन्नदाताओं ने इस योजना के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव को धन्यवाद दिया है।
किसानों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें अपनी मेहनत और फसल की उचित कीमत मिली है। यह राशि उनके लिए राहत और प्रोत्साहन का कार्य करेगी।
किसान सरावण प्रजापति ने कहा कि इस योजना को लागू करने के लिए सीएम मोहन यादव का बहुत धन्यवाद। 'भावान्तर योजना' किसानों को लाभ पहुंचा रही है, जिससे वे समृद्ध हो रहे हैं। इससे अन्नदाताओं को प्रकृति के विपरीत होने के चलते हुए नुकसान की भरपाई हो रही है। किसान इन पैसों का उपयोग खेती को उन्नत बनाने के लिए करेंगे।
किसान उदय कुमार महाजन ने कहा कि वे भावान्तर योजना में भाग ले रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा किसानों को इस योजना का पैसा दिया जा रहा है, जिससे उन्हें काफी लाभ हो रहा है।
प्रदेश में सोयाबीन की फसल पर प्रकृति के विपरीत प्रभाव के कारण किसानों को बड़ा नुकसान हुआ था। उनका उत्पादन भी प्रभावित हुआ था। इसके परिणामस्वरूप, मोहन यादव सरकार ने किसानों को भावान्तर योजना का लाभ देने का ऐलान किया था। इसके लिए सरकार ने मॉडल रेट तय किया और न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंतर की राशि का भुगतान करने का निर्णय लिया। इसी के तहत सोयाबीन किसानों के खाते में राशि सिंगल क्लिक से ट्रांसफर की गई।