क्या सुभाष घई ने व्हिस्लिंग वुड्स एकेडमी में साहित्य और कला पर अपने विचार साझा किए, नया कोर्स शुरू?

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क्या सुभाष घई ने व्हिस्लिंग वुड्स एकेडमी में साहित्य और कला पर अपने विचार साझा किए, नया कोर्स शुरू?

सारांश

फिल्म निर्देशक सुभाष घई ने हाल ही में व्हिस्लिंग वुड्स इंटरनेशनल में आयोजित 'सेलीब्रेटिंग सिनेमा 25' महोत्सव में साहित्य और कला पर अपने विचार साझा किए। इस कार्यक्रम में गुलजार और कौसर मुनीर भी शामिल हुए। उन्होंने एक नया कोर्स 'पोएट्री और लिटरेचर' की शुरुआत की, जो आज के कलाकारों के लिए आवश्यक है।

Key Takeaways

  • सुभाष घई का नया कोर्स 'पोएट्री और लिटरेचर' शुरू हुआ।
  • साहित्य और कला की समझ हर कलाकार के लिए अनिवार्य है।
  • सिनेमा सांस्कृतिक आईना है, जो साहित्य से ही चमकता है।
  • कार्यक्रम में गुलजार और कौसर मुनीर का योगदान महत्वपूर्ण था।
  • भावनात्मक बुद्धिमत्ता की आवश्यकता बढ़ रही है।

मुंबई, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक सुभाष घई हाल ही में व्हिस्लिंग वुड्स इंटरनेशनल में 'सेलीब्रेटिंग सिनेमा 25' महोत्सव की भव्य उद्घाटन समारोह में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में उन्होंने साहित्य और कला पर अपने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर उनके साथ गुलजार साहब और लेखिका कौसर मुनीर भी उपस्थित थे।

घई ने गुरुवार सुबह इस आयोजन की जानकारी देते हुए इंस्टाग्राम पर तस्वीरें साझा कीं और इस इवेंट को ‘सिनेमाई जादू का नया अध्याय’ बताया।

उन्होंने अपने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, "कल शाम 'सेलीब्रेटिंग सिनेमा 25' के भव्य उद्घाटन के अवसर पर व्हिस्लिंग वुड्स एकेडमी में एक नया कोर्स शुरू किया गया—‘पोएट्री और लिटरेचर’। इस कोर्स का उद्घाटन प्रसिद्ध शायर गुलजार साहब ने किया। उनके साथ जानी-मानी लेखिका कौसर मुनीर और थिएटर निर्देशक सलीम आरिफ भी उपस्थित थे।

मैंने वहां अपने विचार साझा करते हुए कहा, "आज इस तेज रफ्तार दौर में हर कलाकार और तकनीशियन के लिए कविता, गीत और साहित्य की गहरी समझ होना आवश्यक है। आने वाले एआई युग में यही ‘भावनात्मक बुद्धिमत्ता’ उन्हें एक अलग पहचान दिलाएगी।"

उन्होंने जोर देकर कहा कि सिनेमा केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक आईना है, जो साहित्य से ही चमकता है।

आज (9 अक्टूबर) सुबह 11 बजे, व्हिस्लिंग वुड्स कैंपस में दो महान फिल्मकारों को श्रद्धांजलि दी जा रही है।

एक कार्यक्रम में रणबीर कपूर, रणधीर कपूर और राहुल रवैल के साथ राज कपूर को याद किया जाएगा। वहीं दूसरा कार्यक्रम गुरु दत्त जी को समर्पित होगा।

‘कर्ज’, ‘कालीचरण’, ‘विधाता’, ‘मेरी जंग’, ‘राम लखन’, ‘सौदागर’, ‘खलनायक’, ‘परदेस’, और ‘ताल’ जैसी सुपरहिट फिल्में बनाकर बॉक्स ऑफिस पर अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले फिल्म निर्माता सुभाष घई ने पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से सिनेमा की पढ़ाई की थी और 1969 में फिल्म आराधना से अभिनय करियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म में उन्होंने फ्लाइट लेफ्टिनेंट प्रकाश का किरदार निभाया था।

उन्होंने 1976 में ‘कालीचरण’ के साथ निर्देशन की शुरुआत की और ‘मुक्ता आर्ट्स’ की स्थापना की। इसके बाद उन्होंने कई बेहतरीन फिल्में दीं।

Point of View

बल्कि यह समाज का दर्पण भी है। सुभाष घई का यह विचार कि कला और साहित्य की समझ हर कलाकार के लिए अनिवार्य है, एक महत्वपूर्ण संदेश है। वर्तमान युग में, जब तकनीकी विकास तेजी से हो रहा है, ऐसे में भावनात्मक बुद्धिमत्ता की आवश्यकता और भी अधिक हो जाती है।
NationPress
09/10/2025

Frequently Asked Questions

सुभाष घई का नया कोर्स क्या है?
सुभाष घई ने 'सेलीब्रेटिंग सिनेमा 25' महोत्सव में 'पोएट्री और लिटरेचर' का नया कोर्स शुरू किया है।
इस कार्यक्रम में कौन-कौन शामिल थे?
इस कार्यक्रम में सुभाष घई के साथ गुलजार साहब और कौसर मुनीर भी उपस्थित थे।
सुभाष घई ने सिनेमा के बारे में क्या कहा?
उन्होंने कहा कि सिनेमा सिर्फ मनोरंजन नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक आईना है।