क्या सुनील शेट्टी ने ‘हेरा फेरी 3’ के बारे में कुछ खास कहा?

सारांश
Key Takeaways
- सुनील शेट्टी की साई बाबा के प्रति विशेष श्रद्धा है।
- ‘हेरा फेरी 3’ सभी उम्र के दर्शकों को पसंद आएगी।
- ओटीटी और सिनेमाघरों के बीच संबंध को समझना महत्वपूर्ण है।
- अभिनेता का मानना है कि बदलाव की शुरुआत खुद से करनी चाहिए।
मुंबई, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेता सुनील शेट्टी सोमवार को मुंबई के शिरडी स्थित साई बाबा के मंदिर पहुँचे, जहाँ उन्होंने दर्शन-पूजन किया और बताया कि बाबा में उनकी विशेष श्रद्धा है। इसके अलावा, उन्होंने हिंदी भाषा और अपनी अपकमिंग फिल्म ‘हेरा फेरी 3’ पर भी चर्चा की।
मंदिर प्रशासन की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा, “मुझे खुशी होती है कि आजकल मंदिरों की व्यवस्थाएं काफी सुधरी हैं। जब भी मैं कहीं जाता हूँ, तो वहाँ के मैनेजमेंट को देखकर अच्छा लगता है। भक्तों को अब कई सुविधाएं मिल रही हैं। मैं पहले भी बाबा के मंदिर आता था, लेकिन काफी लंबे समय बाद आया हूँ। बाबा में मेरी विशेष श्रद्धा है। मैंने कभी कुछ नहीं मांगा, बस यही चाहता हूँ कि सभी खुश और स्वस्थ रहें। जब मुझे बाबा का बुलावा आया, तो मैं यहाँ आया।”
अभिनेता ने कहा, “यह सब बाबा की कृपा है कि आज भी लोग पुरानी फिल्मों के किरदारों से जुड़ पाते हैं। फैंस हमें इतना मान-सम्मान देते हैं। यह सब दर्शकों का प्यार और ईश्वर का आशीर्वाद है।”
अपकमिंग फिल्म ‘हेरा फेरी 3’ पर अभिनेता ने संकेत दिया कि दर्शकों को फिर से मजा आएगा। यह कॉमेडी से भरपूर फिल्म परिवार के साथ देखने के लिए है, जो बड़े और बच्चों को समान रूप से पसंद आएगी।
अभिनेता ने मजाक में कहा, “मैं फिल्म के बारे में बात रिलीज के दिन ही करूंगा।”
इसके साथ ही उन्होंने ओटीटी और फिल्म के बारे में भी चर्चा की। शेट्टी ने सिनेमाघरों को ‘पापा’ और ओटीटी को ‘बच्चे’ का नाम दिया। उन्होंने बताया, “कई ओटीटी प्लेटफॉर्म आ चुके हैं और यह अच्छी बात है। वास्तव में, सिनेमाघर ‘पापा’ हैं और ओटीटी उनके 'बच्चे' हैं। बच्चे हर हाल में पिता के लिए अच्छे होते हैं। वे सपोर्ट करते हैं।”
अभिनेता ने कहा कि यदि किसी चीज में बदलाव चाहिए तो उसकी शुरुआत खुद से करनी चाहिए।
उन्होंने पाकिस्तानी एक्टर्स पर लगे प्रतिबंध पर भी अपनी राय दी। अभिनेता ने कहा, “रिश्ते हमेशा ऊपर-नीचे होते रहते हैं। यदि पहलगाम की बात करें, तो मेरा मानना है कि बैन होना चाहिए जब तक माहौल सही न हो जाए। यह केवल कला की बात नहीं है, बल्कि राजनीति, खेल और एंटरटेनमेंट के सभी क्षेत्रों को इसे समझना चाहिए।”