क्या सूरजपुर पुलिस ने कोर्ट परिसर से दो फर्जी जमानतियों को पकड़ा?

सारांश
Key Takeaways
- सुरक्षा: न्यायालय परिसर में सुरक्षा बढ़ी है।
- पारदर्शिता: जमानत प्रक्रिया में पारदर्शिता महत्वपूर्ण है।
- कठोर कार्रवाई: फर्जी दस्तावेजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ग्रेटर नोएडा, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। सूरजपुर पुलिस ने जमानत प्रक्रिया में गड़बड़ी करने का प्रयास कर रहे दो फर्जी जमानतियों को गिरफ्तार कर एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है।
पुलिस की इस सक्रियता से केवल न्यायालय परिसर में होने वाली संभावित धोखाधड़ी को रोका गया, बल्कि जमानत प्रक्रिया की पारदर्शिता और साख भी संरक्षित हुई। पुलिस के अनुसार, 16 सितंबर को थाना सूरजपुर पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग न्यायालय सूरजपुर में फर्जी जमानत दाखिल करने का प्रयास कर रहे हैं।
सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दो संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लिया। पूछताछ में उनकी पहचान अशोक उर्फ अश्वनी पुत्र चन्ना सिंह उर्फ चरण सिंह (उम्र 46 वर्ष) और मोनू पुत्र डालचन्द (उम्र 40 वर्ष), दोनों निवासी दयापुरी, मोदीनगर, गाजियाबाद के रूप में हुई।
जांच में पता चला कि दोनों ने खुद को अन्य व्यक्तियों बताकर फर्जी आधार कार्ड और जमानत संबंधी दस्तावेज तैयार किए थे। इन दस्तावेजों का उपयोग करते हुए वे थाना सेक्टर-58 नोएडा में दर्ज मुकदमे से संबंधित अभियुक्त आकाश की जमानत कराने का प्रयास कर रहे थे। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें कोर्ट परिसर से ही पकड़ लिया।
पुलिस ने अभियुक्तों के पास से दो नकली आधार कार्ड और जमानत संबंधी फर्जी प्रपत्र बरामद किए हैं। इस मामले में थाना सूरजपुर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि न्यायालय में फर्जी दस्तावेजों का उपयोग एक गंभीर अपराध है। इस प्रकार की गतिविधियों से न केवल कानूनी प्रक्रिया प्रभावित होती है, बल्कि असली अपराधियों को कानून से बचने का मौका भी मिल सकता है। इसलिए ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई की जाएगी।