क्या तमिलनाडु सरकार ने अगले साल टीचर्स के लिए तीन टीईटी परीक्षाएं आयोजित करने का बड़ा फैसला लिया?

सारांश
Key Takeaways
- 2026 में तीन टीईटी परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी।
- टीईटी पास करने की आवश्यकता सभी सरकारी शिक्षकों के लिए है।
- विशेष ट्रेनिंग सत्र आयोजित किए जाएंगे।
- टीआरबी परीक्षा का आयोजन करेगा।
- शिक्षक बिना टीईटी पास किए नौकरी रख सकते हैं, लेकिन लाभ के लिए पास करना आवश्यक है।
चेन्नई, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु सरकार ने टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) पास नहीं कर पाने वाले सैकड़ों शिक्षकों को एक महत्वपूर्ण राहत प्रदान करते हुए एक आदेश जारी किया है, जिसमें बताया गया कि 2026 में तीन विशेष टीईटी परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। ये परीक्षाएं उन सभी शिक्षकों के लिए होंगी, जो अभी राज्य के प्राथमिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में कार्यरत हैं, लेकिन जिन्होंने अब तक यह अनिवार्य परीक्षा पास नहीं की है।
यह ध्यान देने योग्य है कि प्राथमिक शिक्षा विभाग उन स्कूलों का प्रबंधन करता है जो पंचायत यूनियन, नगरपालिका, कॉरपोरेशन और सरकारी प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में शामिल हैं। इन स्कूलों में कार्यरत अधिकांश शिक्षक ऐसे हैं जिन्हें टीईटी प्रणाली के आरंभ होने से पहले ही नौकरी मिल गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार यह आवश्यक हो गया है कि सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षक टीईटी पास करें। यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि सभी शिक्षक राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त योग्यता के साथ बच्चों को पढ़ा सकें।
अब जो शिक्षक टीईटी लागू होने से पहले भर्ती हुए हैं, उन्हें भी यह परीक्षा पास करनी होगी। इस कदम से शिक्षक बिना टीईटी पास किए अपनी नौकरी तो जारी रख सकते हैं, लेकिन वे भविष्य में पदोन्नति और अन्य लाभ तभी प्राप्त कर सकेंगे जब वे यह परीक्षा पास कर लेंगे।
सरकार ने वर्ष में तीन बार विशेष टीईटी परीक्षाएं आयोजित करने का निर्णय लिया है। ये परीक्षाएं जनवरी, जुलाई, और दिसंबर में होंगी। इससे उन शिक्षकों को कई बार मौका मिलेगा जो अब तक टीईटी पास नहीं कर पाए हैं, ताकि वे बार-बार प्रयास करके अपनी योग्यता साबित कर सकें।
इन परीक्षाओं का आयोजन राज्य का टीचर्स रिक्रूटमेंट बोर्ड (टीआरबी) करेगा। इसके अतिरिक्त, सरकार उन शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित करेगी। ये प्रशिक्षण सत्र सप्ताहांत पर होंगे और जिला या राजस्व क्षेत्र स्तर पर आयोजित किए जाएंगे। प्रशिक्षण का उद्देश्य शिक्षकों को उनके विषय की जानकारी और पढ़ाने के तरीकों को बेहतर बनाने में मदद करना है ताकि वे परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकें।
इन प्रशिक्षण सत्रों का समन्वय स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) करेगा। यह संस्था शिक्षकों की पढ़ाई और प्रशिक्षण के लिए कार्य करती है। सरकार का मानना है कि परीक्षा से पूर्व यह प्रशिक्षण शिक्षकों के लिए अत्यंत लाभकारी होगा और उनकी तैयारी को बेहतर बनाएगा।
सरकार के आदेश के अनुसार, 2026 में तीन चरणों की परीक्षाओं के बाद आकलन किया जाएगा कि आगे कितनी बार ऐसी परीक्षाएं आयोजित की जानी चाहिए। 2027 से इस पर नई योजना बनाई जाएगी। इस फैसले से हजारों शिक्षक लाभ उठाएंगे, विशेषकर वे जो टीईटी शुरू होने से पहले नौकरी में आए थे। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि तमिलनाडु के सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षक राष्ट्रीय स्तर की मान्यता प्राप्त योग्यता रखते हों।