क्या तमिलनाडु गार्ड की मौत मामले की जांच हाई कोर्ट की निगरानी में होगी?

सारांश
Key Takeaways
- तमिलनाडु में गार्ड की मौत ने राजनीतिक हलचल पैदा की है।
- टीवीके अध्यक्ष विजय ने हाई कोर्ट के तहत एसआईटी जांच की मांग की।
- पुलिस की क्रूरता और अमानवीयता पर सवाल उठाए गए।
- सरकार पर कार्रवाई का दबाव बढ़ा है।
- 2026 के चुनावों में संभावित परिणामों के बारे में चर्चा।
चेन्नई, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु में पुलिस हिरासत में एक गार्ड की मौत के मामले पर सियासत में कोई कमी नहीं आ रही है। इस घटना पर एक्टर से नेता बने तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) के अध्यक्ष विजय का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच हाई कोर्ट की सीधी निगरानी में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा होनी चाहिए।
टीवीके के अध्यक्ष विजय ने मंगलवार को तिरुप्पुवनम में अजित कुमार की पुलिस हिरासत में हुई मौत पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "इस मामले की जांच हाई कोर्ट की सीधी निगरानी में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा होनी चाहिए। अजित कुमार की हिरासत में मौत ने लोगों में कई सवाल उत्पन्न कर दिए हैं। यह घटना पुलिस विभाग की क्रूरता और अमानवीयता को उजागर करती है, जो मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के सीधे नियंत्रण में है। पहले सरकार ने दोषियों को बचाने का प्रयास किया, लेकिन टीवीके सहित अन्य राजनीतिक दलों के दबाव और मदुरै हाई कोर्ट की बेंच के हस्तक्षेप के बाद पुलिस विभाग ने कार्रवाई शुरू की।
टीवीके अध्यक्ष ने वर्तमान सरकार के कार्यकाल में हुई विभिन्न हिरासत मृत्यु के मामलों की समीक्षा की। उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री को मदुरै हाई कोर्ट की बेंच द्वारा बताए गए पिछले चार वर्षों में 24 लोगों की हिरासत में हुई मौतों के बारे में एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। चूंकि अजित कुमार हिरासत मौत मामले में पुलिस ही आरोपी है, इसलिए तमिलनाडु पुलिस द्वारा की जा रही जांच निष्पक्ष नहीं होगी। इसलिए, हाई कोर्ट की निगरानी में एक विशेष जांच दल का गठन कर तेजी से न्याय दिलाया जाना चाहिए।
टीवीके अध्यक्ष ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि वे कार्रवाई में विफल रहते हैं, तो उन्हें 2026 के विधानसभा चुनावों में परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने मांग की है कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन तत्काल तमिलनाडु के लोगों को यह आश्वासन दें कि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होंगी। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो लोग 2026 के विधानसभा चुनावों में डीएमके को ऐतिहासिक हार का सामना कराएंगे।