क्या तेजस्वी के दो मतदाता पहचान पत्र पर चुनाव आयोग मुकदमा दर्ज करेगा?

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क्या तेजस्वी के दो मतदाता पहचान पत्र पर चुनाव आयोग मुकदमा दर्ज करेगा?

सारांश

बिहार एनडीए ने तेजस्वी यादव के दो मतदाता पहचान पत्रों पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की है। क्या तेजस्वी यादव को इस मामले में कानून का सामना करना पड़ेगा? जानें इस प्रेस वार्ता में उठाए गए मुद्दों पर विस्तार से।

Key Takeaways

  • तेजस्वी यादव के पास दो मतदाता पहचान पत्र होने का मामला उठाया गया।
  • एनडीए ने चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की है।
  • अगर आरोप सही हैं, तो यह लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा हो सकता है।
  • राजनीतिक दलों को पारदर्शिता बनाए रखनी चाहिए।
  • इस मुद्दे पर आगामी चुनावों में राजनीतिक प्रभाव पड़ सकता है।

पटना, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार एनडीए के घटक दलों के प्रवक्ताओं ने रविवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और राजद के नेता तेजस्वी यादव पर तीखा सियासी हमला किया।

इस संयुक्त प्रेस वार्ता में राजद के नेता तेजस्वी यादव के दो मतदाता पहचान पत्र होने पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि मतदाता सूची में नाम नहीं होने का दावा कर विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी ने सनसनी फैलाने की कोशिश की, लेकिन चुनाव आयोग ने तुरंत ही बताया कि उनका नाम मतदाता सूची में है। इसके बाद उन्होंने नया एपिक नंबर दिखाकर अलग बात कही।

एनडीए प्रवक्ताओं ने दो एपिक नंबर पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह आया कहां से? कोई भी व्यक्ति दो मतदाता पहचान पत्र नहीं रख सकता है। अगर रखता है तो यह अपराध है। एनडीए के प्रवक्ताओं ने स्पष्ट कहा कि चुनाव आयोग को इस पर संज्ञान लेना चाहिए और तुरंत इस मामले को लेकर तेजस्वी यादव पर मुकदमा दायर करना चाहिए। इस प्रेस वार्ता में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक, जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार, लोजपा (रामविलास) के राजेश भट्ट, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के श्याम सुंदर और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रवक्ता नितिन भारती और भाजपा के मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल उपस्थित रहे।

एनडीए के प्रवक्ताओं ने प्रेस वार्ता में कहा कि इंडी गठबंधन लगातार चुनाव हार रहा है लेकिन इनके नेताओं को अक्ल नहीं आ रही है। तेजस्वी यादव के पास दो एपिक पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि यह मामला गंभीर है। एनडीए ने पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है। एनडीए प्रवक्ताओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि जिन्हें अपनी पहचान पर भरोसा नहीं है, वे जनादेश क्या संभालेंगे और जनता का नेतृत्व करेंगे? इससे पहले भी तेजस्वी यादव पर सात घोटाले हैं और अब आठवां मतदाता पहचान पत्र को लेकर भी घोटाला किया है। तेजस्वी यादव को राजनीतिक जालसाज बताते हुए एनडीए ने चुनाव आयोग से मांग करते हुए कहा कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जाए और तेजस्वी यादव पर चुनाव आयोग मुकदमा दर्ज करे। तेजस्वी यादव ने लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की है।

प्रवक्ताओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि सजायाफ्ता लालू यादव की परंपराओं को ही तेजस्वी यादव आगे बढ़ा रहे हैं। मतदाताओं का एक मतदाता पहचान पत्र होता है और दो पहचान पत्र रखना अपराध है। एनडीए प्रवक्ताओं ने इंडी गठबंधन के नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि ये लोग अब न केवल संवैधानिक संस्थाओं को अपमानित कर रहे हैं, बल्कि अब धमकीअराजकता पैदा करने की है। ऐसा कर ये लोग लोकतंत्र को शर्मसार कर रहे हैं।

Point of View

तो इसे लोकतंत्र के लिए खतरा समझा जा सकता है। सभी राजनीतिक दलों को पारदर्शिता बनाए रखनी चाहिए।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या तेजस्वी यादव के पास दो मतदाता पहचान पत्र होना एक कानूनी अपराध है?
जी हां, एक व्यक्ति के पास दो मतदाता पहचान पत्र होना कानून के खिलाफ है।
एनडीए ने तेजस्वी यादव के खिलाफ क्या कार्रवाई की मांग की है?
एनडीए ने चुनाव आयोग से तेजस्वी यादव पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
क्या चुनाव आयोग ने तेजस्वी के मतदाता पहचान पत्र के मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया दी है?
हां, चुनाव आयोग ने पुष्टि की है कि तेजस्वी यादव का नाम मतदाता सूची में है।
तेजस्वी यादव पर पहले भी क्या आरोप लगे हैं?
तेजस्वी यादव पर पहले भी सात घोटालों के आरोप लगाए गए हैं।
इस घटनाक्रम का राजनीतिक असर क्या हो सकता है?
इससे एनडीए और तेजस्वी के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ सकता है।