क्या तेजस्वी ने बिहार की महिलाओं को रक्षाबंधन पर खुला पत्र लिखा और वादे किए?

सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव का पत्र बिहार की महिलाओं के प्रति उनकी प्रतिबद्धता दर्शाता है।
- महिलाओं के विकास के लिए कई योजनाओं की घोषणा की गई है।
- यह पत्र चुनावी राजनीति का हिस्सा हो सकता है, लेकिन इसमें सकारात्मक पहलू भी है।
पटना, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। रक्षाबंधन के अवसर पर, विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बिहार की महिलाओं के लिए एक खुला पत्र जारी किया है, जिसमें कई महत्वपूर्ण वादे किए गए हैं। उन्होंने बिहार की सभी महिलाओं और छात्राओं को अपनी बहन मानते हुए उनसे तेजस्वी के नाम की एक राखी बांधने की अपील की है।
राजद नेता ने दो पन्नों का खुला पत्र साझा किया है। पत्र में उन्होंने सभी को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं देते हुए अपने चुनावी वादों का उल्लेख किया है और दावा किया है कि उनके 'तेजस्वी भैया' हर घर की हर बहन की समृद्धि के बारे में सोच रहे हैं और नीतियां बनाने में लगे हैं। इन नीतियों को लागू करने के लिए उन्हें सभी बहनों का सहयोग चाहिए।
उन्होंने पत्र में कहा है कि बिहार को नंबर वन बनाने की प्रण लें, रक्षाबंधन पर एक राखी और चुनाव में एक वोट देने की अपील करते हुए भरोसा दिया कि बेरोजगारी, महंगाई, अपराध, गरीबी और भ्रष्टाचार के खिलाफ वे रक्षा चक्र बनकर काम करेंगे। उन्होंने 'बेटी' कार्यक्रम का संचालन, माई-बहन योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये, विधवा महिलाओं को पेंशन, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के लिए पेंशन बढ़ाकर 1500 रुपये, 500 रुपये में गैस सिलेंडर, 200 यूनिट मुफ्त बिजली, बेटियों के लिए उच्च श्रेणी के आवासीय कोचिंग संस्थान, हर इच्छुक बेटी को वर्ल्ड क्लास खेल की ट्रेनिंग और अन्य सुविधाएं, मुफ्त परीक्षा फॉर्म और परीक्षा केंद्र तक आने-जाने का किराया देने का वादा किया।
उन्होंने भरोसा दिया कि चुनाव होंगे, जनता की सरकार आएगी और उनका भाई अपने वादों को पूरा करते हुए हर घर और हर बहन तक ये योजनाएं पहुंचाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 20 वर्षों से बिहार नकारात्मक राजनीति का शिकार रहा है। ये लोग हर बार चुनाव के समय नौकरी देने के झूठे वादे कर रहे हैं और उनकी योजनाओं की नकल कर रहे हैं।
पत्र के अंत में उन्होंने लिखा, "मैं एक प्रतिज्ञा और लेता हूं, सत्ता में आते ही उनके द्वारा डकारे गए 70 हजार करोड़ रुपयों को वापस लेने का कार्य किया जाएगा और बिहार की बहनों को रक्षाबंधन की शगुन राशि के रूप में दिया जाएगा।"
पत्र में आशा जताते हुए उन्होंने लिखा कि आप सभी बहनों का आशीर्वाद उन्हें इतना बल देता है कि बिहार को नंबर वन बनाने के अपने सपने को साकार करने की शक्ति और ऊर्जा उनके अंदर हमेशा प्रज्वलित रहती है।